हौसलों की उड़ान ने दिलायी रचना को बीपीएससी में सफलता

|वि० सं०|17 अगस्त 2013|
मंजिल उन्हें मिलती है,  
जिनके सपनों में जान होती है,
पंखों से कुछ नहीं होता, 
हौसलों से उड़ान होती है

      और मधेपुरा के एक साधारण परिवार की बेटी रचना भारतीय ने ये साबित कर दिखाया कि यदि हौसलों में उड़ान हो तो आर्थिक तंगी के बावजूद भी सफलता की मंजिल हासिल की जा सकती है.
      रचना भारतीय का चयन अंतिम रूप से इस वर्ष बिहार लोक सेवा आयोग की 53-55 वीं सामान्य संयुक्त प्रतिगोगिता परीक्षा में ग्रामीण विकास अधिकारी के रूप में हुआ है.
      वर्ष 2000 में मधेपुरा जिला के योगेन्द्र हाई स्कूल मुरहो से मैट्रिक पास कर जब रचना ने वर्ष 2002 में आदर्श इंटर कॉलेज घैलाढ़ से विज्ञान में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की तो बिगड़ते सामाजिक परिवेश को देखकर मन में अधिकारी बनने का सपना जाग उठा. रचना बताती है कि उसने ग्रेजुएशन में एडमिशन लेते ही संघ लोक सेवा आयोग और बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी. तैयारी के लिए ज्यादा समय मिल सके इसके लिए रचना ने इग्नू से इतिहास विषय में ग्रेजुएशन करने का निर्णय लिया जिसका स्टडी सेंटर पूर्णियां कॉलेज पूर्णियां था.
      रचना के मन में गजब का आत्मविश्वास था तो कवि और साहित्यकार पिता शंभू शरण भारतीय परिवार में आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे. पर साथ ही औषधीय पौधों पर अद्भुत पकड़ रखने वाले पिता ने कई ऐसे मरीजों के इलाज में सफलता पाई जो मौत के मुहाने पर थे. मरीजों के इलाज और मामूली सी खेती से जो आमदनी हुई बेटियों की पढाई में लगते चले गए. बेटी रचना ने भी पिता के सम्मान को बढ़ाते हुए जहाँ इस वर्ष सचिवालय सहायक की परीक्षा में सफलता हासिल की वहीं इस बार बीपीएससी में 649 वां रैंक हासिल कर ये दिखा दिया कि मन में यदि लगन सच्ची हो तो सफलता के किसी मुकाम को हासिल करना असंभव नहीं है.
      गजलें, बागवानी और चित्रकारी की शौक़ीन रचना कहती है कि दृढनिश्चय, कर्तव्यनिष्ठा और सफल होने की जिद जहाँ उसका मजबूत पक्ष है वहीं कुछ अधिक ही भावुक होना उसकी कमजोरी है. रचना की कई कविताएं और आलेख मधेपुरा टाइम्स और मधेपुरा टुडे पर प्रकाशित हो चुके हैं.
      आईएएस बनकर देश और समाज की सेवा करने का लक्ष्य रखने वाली रचना यह पूछने पर कि अपनी सफलता का श्रेय किसे देना चाहोगी, कहती है, भगवान् का आशीर्वाद, मेरे दादा जी जो अब स्वर्गीय हो गये हैं, मेरी मम्मी, मेरे पापा, मेरे भाई बहन, मेरे मित्र, मेरे गुरु जन (विवेका सर, कुमार विजय सर, विजय कुमार सिन्हा सर आदि ) और मेरे सभी शुभ चिन्तक , जिन्होंने हमेशा मेरा हौसला बढाया , साथ ही मेरे आलोचक भी.....जिन्होंने लगातार अपने शब्दों से मुझे चुनौती दी....
      मधेपुरा टाइम्स के प्रबंध संपादक राकेश सिंह से भी अक्सर दिशानिर्देश लेने वाली रचना इस सफलता के बाद प्रबंध संपादक के लिए इन शब्दों का प्रयोग करती है, "आपने हमेशा मेरा मनोबल बढाया...मेरी क्षमता और योग्यता पर विश्वास जताया... मेरी सफलताओं में इस सहयोग के लिए मैं तहे दिल से आपका शुक्रगुजार हूँ.."
      रचना भारतीय की इस सफलता पर उसके निरंतर आगे बढ़ने की कामना के साथ मधेपुरा टाइम्स परिवार की ओर से शुभकामनाएं.
हौसलों की उड़ान ने दिलायी रचना को बीपीएससी में सफलता हौसलों की उड़ान ने दिलायी रचना को बीपीएससी में सफलता Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 17, 2013 Rating: 5

3 comments:

  1. mujhe rachna ji se aik shikayat hai.unhone prayash sansthan aur sunil babu ke prati aabhar pragat nahi ki joki unke result me aik aham sahayak ke rup me tha.kaair ye to mera manna hai baki rachna ji jo uchit samjhe...

    ReplyDelete
  2. prayash sansathan aur sunil babu k prati bhi abhar pragat karni chahiye...

    ReplyDelete

Powered by Blogger.