|नि.सं.|15 जुलाई 2013|
राष्ट्रीय नेता..सांसद....मधेपुरा... जाहिर है लोगों
की उम्मीदें जरूरत से ज्यादा नहीं तो कम से कम से कम जरूरत भर तो जरूर होंगी. आम
लोगों के साथ यहाँ की मीडिया भी चाहेगी कि राष्ट्रीय नेता की हैसियत से नहीं तो कम
से कम सांसद के रूप में शरद यादव उन्हें आसानी से उपलब्ध हो जाएँ जिनकी योजनाएं और
विचार वे अपने माध्यम से जनता तक पहुंचा सके.
पर आम
लोगों के साथ मधेपुरा की मीडिया के लिए भी शरद के दर्शन करना और उनके सुविचार
सुनना काफी मुश्किल है. कुछ यदि कभी-कभार मिलना भी चाहें तो सांसद के लोग ही
उन्हें ‘टरकाने’ में सबसे आगे रहते हैं. वैसे एक
महत्वपूर्ण बात यह भी है कि सांसद महोदय ने भी मधेपुरा कि मीडिया को खास तवज्जो
नहीं दिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस से भी बचते रहे सांसद आखिर क्यों मधेपुरा की मीडिया
से मुंह चुराते हैं?
क्या
उन्हें ऐसा तो नहीं लगता है कि हजारों समस्यायों से घिरे मधेपुरा की बदहाली पर
उनसे प्रश्न पूछे जायेंगे जो उन्हें निरूत्तर कर देंगे. यदि ऐसा है तो वे मीडिया
से नहीं बल्कि मधेपुरा कि समस्याओं से मुंह चुरा रहे हैं, जबकि एक सांसद के नाते
यहाँ की समस्याएं सुनना और उसके निदान के प्रयास करना उनकी जिम्मेवारी बनती है. और
हाँ इस चौथे स्तंभ की उपेक्षा करना तो किसी जनप्रतिनिधि के लिए कहीं से जायज नहीं है.
मधेपुरा की मीडिया से मुंह चुराते हैं शरद ???
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 16, 2013
Rating:

neta is duniya k aise prani hain jinke darsan ka punyaphal hm elections k time hi prapt kr sakte hain.
ReplyDelete