|वि० सं०|15 जुलाई 2013|
जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ लोगों का
असंतोष अब उभर कर मुक़दमे कि शक्ल लेने लगा है. और इस बार न्यायालय में दायर एक
परिवाद पत्र में अभियुक्त बनाया गया है तीन अधिकारियों को जिसमे एक मधेपुरा जिला
में वर्तमान अपर समाहर्ता भी शामिल हैं और मामला जुड़ा हुआ है मधेपुरा जिला
मुख्यालय स्थित अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास में गबन के आरोप से.
अल्पसंख्यक
कल्याण छात्रावास के एक सदस्य शौकत अली के द्वारा मधेपुरा के सीजेएम के कोर्ट में
दायर परिवाद पत्र संख्यां 792/2013 में कुल तीन अधिकारियों 1. तबारक करीम,
प्राध्यापक, टीपी कॉलेज, मधेपुरा सह-अधीक्षक, अल्पसंख्यक छात्रावास, मधेपुरा.
2.गरभू मंडल, पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी तथा 3. इबरार अहमत कमर, वर्तमान अपर
समाहर्ता सह वर्तमान अध्यक्ष अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास, मधेपुरा.
परिवाद
पत्र के मुताबिक़ अभियुक्त संख्यां 1 और 2 ने 1 लाख 53 हजार रूपये का गबन कर लिया
और परिवादी शौकत अली के द्वारा कराये गए मरम्मती-सफाई आदि के कार्य का 52 हजार चार
सौ रूपये के भुगतान को उनके द्वारा विपत्र दाखिल किये जाने के बाद भी टालते रहे.
आरोप ये भी लगाया गया है कि टी. करीम और गरभू मंडल ने मिलकर षड्यंत्र रचकर
छात्रावास के लाखों रूपये का गबन किया है. जब छात्रावास में अवैध वसूली अदि से
सम्बंधित जांच पूर्व एसडीओ गोपाल मीणा, तत्कालीन एडीएम अजय कुमार तथा धर्मेन्द्र
सिंह ने किया था तो उनके रिपोर्ट के आधार पर टी. करीम को छात्रावास के अधीक्षक पद
से हटा दिया था.
वर्तमान
एडीएम इबरार अहमत कमर पर आरोप है कि इनकी पूर्व
पोस्टिंग अररिया थी और तबारक करीम अररिया के ही मूल निवासी हैं, दोनों में मिलकर
एक बैठक की और फिर टी.करीम को छात्रावास का अधीक्षक बना दिया. शौकत अली ने जब अपनी
राशि के भुगतान की बात रखा तो अधीक्षक के द्वारा इनकार कर दिया गया. आरोप लगाया
गया है कि एडीएम इबरार अहमत कमर ने तबारक करीम को फिर से अधीक्षक के रूप में कार्य
करने का आदेश देकर लोकसेवक के कर्त्तव्य के विरूद्ध कार्य किया है. परिवाद पत्र
में तीनों अभियुक्तों को दण्ड देने कि मांग कि गई है.
मधेपुरा के एडीएम पर न्यायालय में मुकदमा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 15, 2013
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