|संवाददाता|12 जुलाई 2013|
ऐसा लगता है
कि मधेपुरा जिला का आलमनगर क्षेत्र हादसों का क्षेत्र बन गया है. मंत्री का
क्षेत्र इतना उपेक्षित क्यों है, ये बात आम लोगों के समझ में नहीं आने वाली है.
हादसे-दर-हादसे होते जा रहे हैं पर सोई सरकार अभी तक बेसुध है.
एक 45
वर्षीय पुरुष के साथ नौ बच्चियों के मौत की खबर जहाँ सुबह मिल रही है और एक के
लापता होने की बात कही जा रही थी, वहीं लापता वंदना की लाश भी मिल गई और मरने
वालों की संख्यां दस हो गई.
लोग अभी
पिछले साल के हादसे को भोले भी नहीं थे जब फुलौत में 30 जून 2012 को एक नाव पलटने
से दो बच्चों सहित पांच लोगों की मौत हो गई थी. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने
तब भी घड़ियाली आंसू बहाए थे और इलाके में पुल बनाने की आवश्यकता जता कर फिर लंबी
खर्राटे मारने लगे.
इस बार
भी दस निर्दोषों की मौत हुई है. प्रशासन के लोगों ने मातमपूर्सी कर ली है अब
मंत्री जी और अपना उल्लू सीधा करने वाले कुछ और जनप्रतिनिधि गाँव वालों के पास
पहुँच कर फर्जी संवेदना व्यक्त करेंगे ताकि आने वाले चुनाव में इनका वोट बैंक कायम
रहे.
पर आज
ग्रामीणों का दर्द तब उभर आया जब उन्होंने सरकार के लोगों को इन मासूमों की जान
जाने के लिए जिम्मेवार ठहराया और जम कर ‘शरद यादव, मुर्दाबाद...नीतीश कुमार मुर्दाबाद....नरेंद्र
यादव, मुर्दाबाद...’ के
नारे लगाए.
नाव हादसा में मरनेवालों की संख्यां हुई दस: ग्रामीणों में आक्रोश
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
July 12, 2013
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