रेल मंत्री के एक अजूबा घोषणा
से इलाके के लोग काफी अचंभित हैं. रेल मंत्री पवन बंसल के रेल बजट में मंत्री के
द्वारा घोषणा की गई कि समस्तीपुर से वाया मधेपुरा
पूर्णियां तक चलेगी पैसेंजर ट्रेन. अमान परिवर्तन के बाद भले ही ट्रेन चलने
की बात बंसल साहब ने कर दी हो, पर अमान परिवर्तन का काम कब पूरा होगा ये बंसल साहब
क्या मनमोहन सिंह भी नहीं जानते होंगे.
बता दें कि मधेपुरा-पूर्णियां के बीच कुसहा त्रासदी 2008 के बाद से ही बंद है रेल परिचालन और उसी समय से फंड के
अभाव में मधेपुरा-पूर्णियां के बीच अमान परिवर्तन का कार्य आधे-अधूरे अवस्था में लटका
हुआ है.
इलाके के लोग इस घोषणा को जले पर नमक छिड़कने जैसा मान रहे हैं.
अधिवक्ता राजेन्द्र कुमार तो यहाँ तक कहते हैं कि ये उस बेटे के ब्याह के लिए टेंट
गाड़ने वाली बात हो गई जो अभी गर्भ में ही है और जो बच्चा जन्मा है उसे खाने नहीं
दिया जा रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्राध्यापक प्रो० सूरज यादव सवालिया लहजे में कहते हैं कि
जो अमान परिवर्तन का कार्य सरकार पांच साल में नहीं कर पाई और सहरसा-पूर्णियां
मार्ग पर पटरी बिछी ही नहीं तो उस पर ट्रेन कैसे चला देंगे रेल मंत्री. मुरहो के
किसान हेमेन्द्र कुमार इस घोषणा की तुलना कोसी में प्रचलित कहावत से करते कहते
हैं, “बेटा भेल नहींये नै, आ डोराडोरे
बांटे लागलय”.
रेल मंत्री के इस बेतुके घोषणा से क्रोधित मधेपुरा के लोगों ने एक
कुत्ते के गले में बजट के बारे में एक तख्ती लटका कर या दर्शाना चाहा है कि आदमी
क्या कुत्ते भी इस बजट को बेतुका कह रहे हैं.
रेल मंत्री का अजूबा घोषणा: जहाँ पटरी नहीं वहां चलेगी ट्रेन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 27, 2013
Rating:
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 27, 2013
Rating:


No comments: