|राकेश सिंह|27 फरवरी 2013|
बिजली की समस्या से जूझते मधेपुरा को इस मुद्दे पर
कहीं से कोई निदान मिलता नहीं दीख रहा
है. जिले के पिछड़ेपन का एक कारण यहाँ बिजली
की समुचित आपूर्ति न होना भी है. छोटे-छोटे उद्योग धंधे अक्सर यहाँ दम तोड़ते नजर
आते हैं और बिजली पर आधारित आम लोगों की जिंदगी कराह में गुजर जाती है.
अभय रंजन: एसडीओ (इलेक्ट्रिसिटी) |
कहने
में थोड़ा भी संकोच नहीं कि बगल के सुपौल जिले में बिजली अधिक रहती है और मधेपुरा
को कम बिजली की आपूर्ति की जाती है और इसकी वजह सिर्फ राजनीतिक हैं. अधिकाँश लोगों
का गुस्सा जायज नजर आता है कि हमारे नेता जिले के विकास में अपना योगदान करने में
फिसड्डी साबित हुए हैं.
पर
बिजली को लेकर आमलोगों में जानकारी का भी अभाव है जिसकी वजह से उनका आक्रोश कुछ
ज्यादा दीखता है.
जिले
में बिजली की समस्या को लेकर हमने विभाग के एसडीओ अभय रंजन से विस्तार से बात की,
जिसमें उन्होंने मधेपुरा में बिजली की समस्या के कारणों और होने वाली प्रगति पर
खुल कर जानकारी दी.
श्री
रंजन ने बताया कि जिले को सिर्फ तीन मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है जो
नाकाफी है. मधेपुरा अनुमंडल में कुल चार फीडर हैं. टाउन-1, टाउन-2, मुरहो और
सुखासन. यदि शहर की बात करें तो टाउन-1 का लोड 3 मेगावाट है और टाउन-2 का 2
मेगावाट. यानि शहर भर में एक साथ बिजली रहने के लिए भी चाहिए एक साथ 5 मेगावाट. और
फिर मधेपुरा टाउन से मुरलीगंज और सिंघेश्वर को भी बिजली की आपूर्ति करनी होती है.
एसडीओ अभय रंजन के मुताबिक़ पोरे सबडिवीजन को एक साथ बिजली देने के लिए हमें चाहिए
18 मेगावाट बिजली. उनका कहना है कि सहरसा ग्रिड से मधेपुरा को बिजली तो अभी 18
घंटे मिलती है पर 3 मेगावाट मिलने के कारण ये बंट जाती है और हर जगह समस्या बरक़रार
नजर आती है. ऊपर से टोका वालों ने भी बिजली की समस्या को बढ़ाने में कोई कसर बाक़ी
नहीं रखी है. (क्रमश:)
बिजली समस्या: 3 मेगावाट बिजली से कैसे होगा अँधेरा दूर ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 27, 2013
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ye galat he aam aur garib janta bijli ki samshya se jujh rahi he
ReplyDeleteaur netao ko garibo me v rajniti chahey yaha madhepura masjid chowk par line no. 2 par lagh bhag 2 ya 3 ghante hi bijli reh pati he aur wo v koi nirdharit smay par nahi
sabhi log aash lagaye rahte he kab bijli aye aur wo bijli se aadharit kamo ke liye ki bijli aayegi aur wo kam karenge