कुमार अंगद/21/10/2012
कोसी त्रासदी 2008 के उपरान्त बाढ़ प्रभावित
क्षेत्रों में कराये गए यातायात पुनर्स्थापन कार्यों में व्याप्त वित्तीय
अनियमितताओं एवं करोड़ों रूपये की लूट खसोट की जाँच सरकार के स्तर पर कराई जा चुकी
है. जांच के दरमियान प्रथम द्रष्टया यातायात पुनर्स्थापन से जुड़े योजना कार्यों
में वित्तीय अनियमितताएं एवं सरकारी राशि के गबन को सत्य पाया गया है.
मालूम हो कि सूचना के
अधिकार एवं जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन की समीक्षात्मक बैठक में मधेपुरा जिला
प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये गए प्रतिवेदनों के अवलोकन के उपरान्त सिर्फ और सिर्फ
मधेपुरा टाइम्स ने यातायात पुनर्स्थापन कार्यों में व्याप्त व्यापक वित्तीय
अनियमितताओं एवं करोड़ों रूपये के लूट खसोट की खबर को प्रमुखता से श्रृंखलाबद्ध
तरीके से प्रकाशित किया था. प्रकाश में आयी महाघोटाले की उक्त खबर के आलोक में
मधेपुरा के विधायक प्रो० चंद्रशेखर ने मामले से जुड़े तथ्यों को बखूबी मधेपुरा जिला
बीस सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति की बैठक एवं विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत
किया. उसके बाद काफी जद्दोजहद के बाद देर-सबेर बिहार विधानसभा के ध्यानाकर्षण
समिति के द्वारा उक्त घोटाले की जांच का आदेश सरकार के स्तर पर दिया गया. इस बावत
संयुक्त सचिव आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार के पत्रांक-98 दिनांक 11 जनवरी 2012
के द्वारा मामले की जांच कराने का आदेश जिला पदाधिकारी मधेपुरा को प्राप्त हुआ.
प्राप्त आदेश के आलोक में जिला पदाधिकारी ने मामले की जांच हेतु अजय कुमार, अपर
समाहर्ता, आपदा प्रबंधन विभाग, मधेपुरा को निदेशित किया. श्री कुमार ने नमूने के
तौर पर यातायात पुनर्स्थापन योजना कार्यों में तीन योजना कार्यों का नमूने के तौर
पर जांच किया जो निम्नवत है:
- आलमनगर सपरदह पथ के 5वें किमी में यातायात पुनर्स्थापन कार्य पार्ट-(iii)
- बिना कार्य योजना को दर्शाये 16,80,113.00 रू० का भुगतान और
- योजना कार्य स्थल मीगठ दर्शाकर 12,22,950.00 रू० का भुगतान. जबकि मीगठ नाम का कोई स्थल मुरलीगंज प्रखंड में नहीं है.
उक्त योजना कार्यों के जांच के
निष्कर्ष में अपर समाहर्ता ने जांच प्रतिवेदन में योजना कार्यों में वित्तीय
अनियमितता कर राशि की गबन अथवा लूट को स्पष्ट रेखांकित किया है और ऐसे कार्यों के
लिए कार्यपालक अभियंता, पता निर्माण विभाग, पथ प्रमंडल, मधेपुरा को उत्तरदायी माना
है. अपर समाहर्ता के पत्रांक 14-2 दिनांक 31 जनवरी 2012 के द्वारा प्राप्त हुए
जांच प्रतिवेदन से पूरी तरह सहमत होकर जिला पदाधिकारी ने जांच प्रतिवेदन को कार्यवाही
हेतु अपने पत्रांक 24-2 दिनांक 06 फरवरी 2012 को सरकार के अपर सचिव, आपदा प्रबंधन
विभाग, बिहार, पटना को प्रेषित किया है.
उल्लेखनीय है कि 06 माह बीत जाने
के बाद भी मामले के सन्दर्भ में प्राप्त हुए जांच प्रतिवेदन के आलोक में अबतक
सरकार के स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी है. जाहिर सी बात है कि भ्रष्टाचार
पर अंकुश लगाने हेतु सरकार के दावे खोखले साबित होते दीख रहे हैं जो
भ्रष्टाचारियों के मनोबल को ऊँचा कर रहे हैं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि
भ्रष्टाचारियों की पोषक बनती नजर आ रही है सूबे की वर्तमान सरकार.
मधेपुरा टाइम्स ने क्या प्रकाशित किया था?:
मधेपुरा टाइम्स की खबर हुई सच: लाखों-करोड़ों की हुई थी लूट-खसोट
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 21, 2012
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