महाघोटाले का पर्दाफाश:कड़ी नं० .2

अंगद कुमार/०५ मार्च २०११ 
दूसरी कड़ी:एक ही योजना स्थल पर एक से अधिक बार कार्य किये जाने के लिए अलग-अलग भुगतान :
                      कोशी बाढ़ २००८ के तुरंत बाद टूटे-फूटे सडकों की मरम्मती एवं यातायात पुनर्स्थापना के कार्यों में आलमनगर प्रखण्ड अंतर्गत गठित टास्क फोर्स द्वारा कराये गए कार्यों में करामा आलमनगर पथ के प्रथम कि.मी. में यातायात पुनर्स्थापन कार्य के लिए दो अलग-अलग प्राक्कलन (३०,०८,६५२=०० रुपये एवं १०,६०,६१८=०० रुपये) सिर्फ योजना के नाम में मजबूतीकरण शब्द जोडकर तैयार किया गया है और उक्त प्राक्कलित राशि के विरुद्ध मापी पुस्त कर क्रमशः २६,२०,४५६=०० रुपये तथा ५,५०,९२५=०० रुपये का भुगतान एक ही संवेदक में.बाबा कंस्ट्रक्सन को किया गया है. ठीक इसी प्रकार आलमनगर सोनामुखी पथ के प्रथम कि.मी. में यातायात पुनर्स्थापन कार्य के लिए पहली बार ५,५०,३७७=०० रुपये प्राक्कलन के विरुद्ध मापी पुस्त कर ४,३७,२५०=०० रुपये का भुगतान हुआ है तथा दूसरी बगैर प्राक्कलित राशि के ४,९०,४७१ रुपये का मापी पुस्त दिखाकर १७,४७१=०० रुपये का भुगतान के साथ ४,१९,०००=०० रुपये भुगतान हेतु लंबित है.एक ही योजना स्थल पर पहली बार प्राक्कलन के साथ और दूसरी बार बिना प्राक्कलन के भुगतान एक ही संवेदक में.ऐ.के. कंस्ट्रक्सन कंपनी को किया गया है.इतना ही नहीं उक्त योजना कार्य के नाम पर लगातार तीसरी बार उसी योजना स्थल के लिए ०८ लाख २१हजार ३६० रुपये प्राक्कलन के विरुद्ध ०६ लाख ४८ हजार ४६८ रुपये का भुगतान पारित विपत्र के आलोक में कार्यपालक अभियंता ,पथ निर्माण विभाग ,पथ प्रमंडल, मधेपुरा ने संवेदक मे० नरसिंह कंस्ट्रक्शन को किया है.एक ही योजना स्थल के लिए योजना कार्य एन०एच० १०६ पथ के किमी ११६(करमा के निकट) में यातायात पुनर्स्थापन कार्य के दो अलग-अलग प्राक्कलन ६३,५७०=०० रू० तथा ९,०३,३२१=०० रू० के विरूद्ध कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग,पथ प्रमंडल,मधेपुरा ने कार्यों के मापी पुस्त के मुताबिक़ संवेदकों को क्रमश: ६३,५४८=०० रू० तथा ९,०३,११९=०० रू० का भुगतान किया है.यहाँ उल्लेखनीय यह भी हैकि एक ही योजना स्थल पर एक ही योजना कार्य के लिए दोनों ही प्राक्कलन में अत्यधिक राशि का अंतर सरकारी राशि का बेरोक-टोक लूट को उजागर करता है.आलमनगर प्रखंड के अंतर्गत इस प्रकार के योजना कार्यों की सम्पूर्ण सूची जो मधेपुरा टाइम्स को प्राप्त हुई है उसे देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि एक ही योजना स्थल पर एक से अधिक योजना कार्य अलग-अलग प्राक्कलन के आलोक में किये गए और मापी पुस्त के मुताबिक़ संवेदकों को भुगतान भी किया गया.इसके अलावे बिना प्राक्कलन के भी सामान योजना स्थल एवं योजना कार्य के लिए संवेदकों को नोडल अधिकारी के द्वारा भुगतान किया गया है.ऐसी स्थिति में कुल मिलाकर आलमनगर प्रखंड अंतर्गत गठित टास्क फ़ोर्स द्वारा कराये गए कार्यों में लगभग २०-२५ लाख रूपये का अतिरिक्त भुगतान कार्यकारी एजेंसी को एक ही योजना स्थल पर किये गए कार्यों के नाम पर अवैध रूप से संवेदकों को किया गया सा प्रतीत होता है.
महाघोटाले का पर्दाफाश:कड़ी नं० .2 महाघोटाले का पर्दाफाश:कड़ी नं० .2 Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 05, 2011 Rating: 5

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