राकेश सिंह/21 जून 2012
मधेपुरा नगर परिषद् के मुख्य पार्षद को पद संभाले हुए अभी एक पखवारा भी नहीं बीता है कि उनके विरोध में स्वर उठने शुरू हो गए हैं.और सबसे तीखा प्रहार किया है नगर परिषद के दूसरे महत्वपूर्ण व्यक्ति उप मुख्य पार्षद रामकृष्ण यादव ने. मधेपुरा टाइम्स से हुई बातचीत में उप मुख्य पार्षद ने मुख्य पार्षद पर हमला बोलते हुए यहाँ तक कहा कि उन्हें इस्तीफ़ा दे देनी चाहिए.रामकृष्ण यादव कहते हैं कि मधेपुरा की समाजवादी धरती है और हम चाहते हैं कि ये एक सुन्दर और वैचारिक मधेपुरा बने.पर मुख्य पार्षद की कथनी और करनी में कोई तालमेल नहीं है और इनके पिछले कार्यकाल में बहुत ही निंदनीय कार्य हुए हैं.319 घरों के मामले पर भी इन्होने कहा कि इन्होने अपने तथा बगल के वार्ड में घर बनवा दिया है.कई वार्डों का विकास नहीं हुआ है.
उप मुख्य पार्षद ने इस बात पर भी कड़ी आपत्ति जताई कि तुनियाही गाँव का जो पार्ट नगर परिषद के क्षेत्र में आया है उसका नाम ये बदल कर अपने पिता के नाम पर पुलकित नगर करना चाहते हैं, जो बहुत ही निंदनीय है.इनका आरोप ये भी है ये कई वार्ड पार्षदों को नजरअंदाज कर चलना चाहते हैं.आज भी कई वार्डों को देखकर लगता नहीं है कि ये शहर में बसा है.
लूट की मंशा रही है मुख्य पार्षद की:उप मुख्य पार्षद रामकृष्ण यादव का ये भी कहना है कि इनकी मंशा लूट की रही है.पर इन्हें अब लूट की छूट नहीं मिलेगी.समस्या के समाधान में इन्हें सहयोग देंगे,पर लूट नहीं होने देंगे.उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि लूट में ये नहीं मानते हैं तो हम सड़क पर उतरेंगे,जनता के सामने जायेंगे और जन आंदोलन छेड़ा जाएगा.
इन्हें इस्तीफा दे देनी चाहिए:विजय यादव पर आरोप लगाते हुए रामकृष्ण यादव कहते हैं कि ये कहते हैं कि नया मधेपुरा बनायेंगे.पर इन्होने तो बने हुए मधेपुरा को समाप्त कर दिया है.विजय यदि कहते हैं कि उनपर लगाये एक भी आरोप साबित कर दिए जाते हैं तो वे इस्तीफ़ा दे देंगे, तो इन्हें तुरंत ही इस्तीफा दे देना चाहिए.क्योंकि कई बातें बिलकुल ही साबित हैं.विजय भी जानते हैं कि उनकी पत्नी के नाम से मकान की ठीकेदारी चल रही है.पिता के नाम पर पुलकित नगर बसा रहे हैं.ये बातें वे भी जानते हैं और साबित हैं, तो फिर इन्हें इस्तीफा दे ही देनी चाहिए.
‘सर मुंडाते ही ओले पड़े’ कहावत की तरह मुख्य पार्षद बनते ही विजय यादव के विरोध में उठ रहे स्वर विजय यादव के लिए परेशानी की बात लगती है पर यदि यह आवाज मधेपुरा को विकास की ओर ले जाता है तो शायद ये बेहतर बात होगी क्योंकि विपक्ष का मजबूत होना एक मजबूत लोकतंत्र की पहचान है.उप मुख्य पार्षद के द्वारा लगाये गए आरोपों पर मुख्य पार्षद की प्रतिक्रिया हम जल्द ही आप तक पहुँचाने का प्रयास करेंगे,पर अभी के हालात में तो मुख्य पार्षद विजय यादव पर एक और कहावत लागू हो रही है कि ‘कठिन है राह पनघट की.’
लूट की मंशा रही है विजय यादव की, इस्तीफ़ा दे देनी चाहिए:रामकृष्ण
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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June 21, 2012
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