वि० सं०/30 मई 2012
मधेपुरा नगर परिषद् के 26 वार्डों के वार्ड पार्षदों
की बेचैनी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है.जिले मे मौसम क पारा तो चरम पर है ही पर
आगामी 09 जून को होने वाले मुख्य पार्षद चुनाव को लेकर शहर के सभी वार्डों के भी
तापमान इन दिनों कम नहीं हैं.मुख्य पार्षद की दौर में आगे दिखने वाले प्रत्याशी इन
दिनों रोज ही मीटिंग दर मीटिंग कर रहे हैं और मीटिंग में उपस्थिति को देखकर कुछ
ज्यादा ही उत्साहित हो रहे हैं.
पर भ्रम में न रहें ये दावेदार क्योंकि हमें पता है सच्चाई.कुछ वार्ड पार्षद सभी दावेदारों के मीटिंग में शामिल रहते हैं जिससे अभी तक ये पता करना मुश्किल हो गया है कि किसके पाले में है कितने पार्षद?ऐसे कुछ महान पार्षद या तो निर्णय लेने के लिए अंत समय का इन्तजार कर रहे हैं या फिर ये देख रहे हैं कि कौन उनकी कितनी बोली लगाता है.कई वार्ड पार्षदों के पहले के मोबाइल नंबर अभी बंद हो चुके हैं ताकि इनके क्षेत्र की जनता इन्हें कोई सुपाच्य सलाह न दे सके.इनका नया नंबर अभी सिर्फ अवसर को भुनाने के लिए उपयोग हो रहा है. इनके सोच को नकारना आपके लिए मुश्किल हो सकता है.इनका मानना है कि चुनाव में इन्हें वोटरों में पैठ बनाने में काफी रूपये खर्च करने पड़े हैं.परिवार के विकास के लिए जो जमापूंजी इन्होने बना रखी थी वो तो हवा हो गए.अभी जब पहला मौका आया है तो क्यूं गँवा दिया जाय.
पर भ्रम में न रहें ये दावेदार क्योंकि हमें पता है सच्चाई.कुछ वार्ड पार्षद सभी दावेदारों के मीटिंग में शामिल रहते हैं जिससे अभी तक ये पता करना मुश्किल हो गया है कि किसके पाले में है कितने पार्षद?ऐसे कुछ महान पार्षद या तो निर्णय लेने के लिए अंत समय का इन्तजार कर रहे हैं या फिर ये देख रहे हैं कि कौन उनकी कितनी बोली लगाता है.कई वार्ड पार्षदों के पहले के मोबाइल नंबर अभी बंद हो चुके हैं ताकि इनके क्षेत्र की जनता इन्हें कोई सुपाच्य सलाह न दे सके.इनका नया नंबर अभी सिर्फ अवसर को भुनाने के लिए उपयोग हो रहा है. इनके सोच को नकारना आपके लिए मुश्किल हो सकता है.इनका मानना है कि चुनाव में इन्हें वोटरों में पैठ बनाने में काफी रूपये खर्च करने पड़े हैं.परिवार के विकास के लिए जो जमापूंजी इन्होने बना रखी थी वो तो हवा हो गए.अभी जब पहला मौका आया है तो क्यूं गँवा दिया जाय.
वैसे भी
नगर परिषद् क्षेत्र की अधिकाँश जनता भी अभी इस बात से सहमत है कि बिकने वाले
पार्षदों की जो जितनी अधिक बोली लगायेगा, शायद वही बाजी मार जाएगा.बहुत से लोग इस
अनुमान पर भी निष्कर्ष निकालने की तैयारी में है कि कौन सा दावेदार कितना धनवान
है.मधेपुरा की राजनीति पर वर्षों से पैनी नजर रखने वाले पुरानी बाजार के व्यवसायी
आभाष आनंद तो सीधे कहते हैं कि “हर साल की भांति इस साल भी रेस वही जीतेगा जिसकी झोली में
जितनी ताकत होगी.जो जितनी कीमत लगायेगा वही सरताज बनेगा, सीधी सी बात है.खरीद
फरोख्त जारी रहा है और रहेगा.”(सुनें इस वीडियो में,यहाँ
क्लिक करें).
मुख्य पार्षद चुनाव:कन्फ्यूज्ड हैं या गेम खेल रहे कई पार्षद?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 30, 2012
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