मैं निष्पक्ष,निस्वार्थ हमेशा तुम्हारे साथ रहती हूँ.....
इसलिए नही कि ...मैं तुमसे प्यार करती हूँ........
बल्कि इसलिए....तुम पर विश्वास करती हूँ....
मैं तुम्हारी हर बात पर,
तुम्हारे किये हर फैसले के साथ रहती हूँ.....
इसलिए नही कि...मैं तुमसे प्यार करती हूँ.....
बल्कि इसलिए....तुम कभी गलत नही होते हो....
मैं तुम पर विश्वास करती हूँ......
मोड़ चाहे कोई भी हो.....हालात चाहे कोई भी हो.....
मुश्किले हो.... नाकामिया मिले चाहे जितनी .....
मैं तुम्हारे साथ रहती हूँ....इसलिए नही कि...
मैं तुमसे प्यार करती हूँ....
बल्कि इसलिए.....तुम्हे जीतना आता है....
मैं तुम पर विश्वास करती हूँ.....
मुझे विश्वास है कि....तुम समझोगे एक दिन,
फर्क प्यार और विश्वास में....
खुद से अधिक जब हम किसी पर विश्वास करते है....
तभी हम उससे प्यार करते है.........
इसलिए नही कि ...मैं तुमसे प्यार करती हूँ........
बल्कि इसलिए....तुम पर विश्वास करती हूँ....
मैं तुम्हारी हर बात पर,
तुम्हारे किये हर फैसले के साथ रहती हूँ.....
इसलिए नही कि...मैं तुमसे प्यार करती हूँ.....
बल्कि इसलिए....तुम कभी गलत नही होते हो....
मैं तुम पर विश्वास करती हूँ......
मोड़ चाहे कोई भी हो.....हालात चाहे कोई भी हो.....
मुश्किले हो.... नाकामिया मिले चाहे जितनी .....
मैं तुम्हारे साथ रहती हूँ....इसलिए नही कि...
मैं तुमसे प्यार करती हूँ....
बल्कि इसलिए.....तुम्हे जीतना आता है....
मैं तुम पर विश्वास करती हूँ.....
मुझे विश्वास है कि....तुम समझोगे एक दिन,
फर्क प्यार और विश्वास में....
खुद से अधिक जब हम किसी पर विश्वास करते है....
तभी हम उससे प्यार करते है.........
--सुषमा आहुति, कानपुर.
तुम पर विश्वास करती हूँ.......!!!///--सुषमा आहुति
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 08, 2012
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