रूद्र ना० यादव/०२ फरवरी २०१२
मधेपुरा का एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) के अधिकारियों और कर्मचारियों की करतूत कल तब उजागर हुई जब पूर्व सांसद और कांग्रेस नेत्री रंजीत रंजन में एफसीआई गोदाम का निरीक्षण किया.नेत्री रंजीत रंजन को इस बात की शिकायत मिली थी कि एफसीआई के अधिकारी किसानों के धान को खरीदने में आनाकानी करती है और गंदगी या निम्न स्तर का बता उन्हें लौटा देते हैं.मजबूरन किसानों को उनकी धान व्यवसायियों के हाथों औने-पौने दाम बेचना पड़ता है.और उसी लौटाए गए धान को एफसीआई व्यवसायियों से खरीद लेती है.मतलब कि व्यावसायियों और एफसीआई की मिलीभगत से किसानों को घाटे में सौदा करने को मजबूर किया जाता है.रंजीत रंजन ने जब मधेपुरा के एफसीआई गोदाम का निरीक्षण किया तब इस शिकायत को और बल मिलता दिखा.रजिस्टर में किसान नहीं बल्कि व्यवसायियों के नाम दर्ज थे.पहले तो रजिस्टर दिखाने के नाम पर कुछ अधिकारी दूसरे के पास रजिस्टर होने की बात कहकर टालना चाहा,पर जब पूर्व सांसद ने खुद से वहाँ रखे रजिस्टर की जांच की तो और भी कई अनियमितताएं होने की बात स्पष्ट हुई.उन्होंने फ़ौरन इसकी शिकायत जिलाधिकारी से फोन से की तो जिलाधिकारी ने जाँच कर दोषी के विरूद्ध कार्यवाही का आश्वासन दिया.
किसानों नहीं,व्यवसायियों को लाभ पहुंचाती है एफसीआई
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 02, 2012
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