असली है नकली से अलग |
वि० सं०/२२ फरवरी २०१२
कल से ही शिक्षामाफियाओं द्वारा मधेपुरा में प्रश्नपत्र लीक मामले में उस समय एक नया मोड़ आ गया जब बाजार में बेचे गए प्रश्नपत्र आज फर्जी निकला.नकली प्रश्न खरीदने वाले छात्र उस समय परीक्षा भवन में निराश हो गए जब उनके द्वारा इस फर्जी प्रश्नपत्र के तैयार किये गए उत्तर किसी काम के नहीं रहे.उधर इस धंधे में लिप्त शिक्षा माफिया शहर से गायब बताए जाते हैं.बताया जाता है कि इन्होने जिले के कई हजार छात्रों तक प्रश्नपत्र पहुंचाए थे जिसमें करोड़ों के वारे-न्यारे किये गए हैं.हालांकि सूत्रों का मानना है कि कुछ परीक्षार्थियों तक असली प्रश्नपत्र भी पहुंचे जिनकी कीमत इन नकली प्रश्नपत्र की तुलना में ज्यादा थी.कल शाम में तो प्रश्नपत्र कई फोटोस्टेट की दुकानों पर पांच-पांच सौ रूपये लेकर खुलेआम बेचे जा रहे थे.
पूरे घटनाक्रम से यह लगता है कि यहाँ परीक्षार्थियों की शॉर्टकट से सफलता प्राप्त करने की मनोवृत्ति का लाभ ये शिक्षा माफिया उठा लेते हैं.यहाँ सबसे दुखद बात यह है कि जिले में परीक्षा के नाम पर करोड़ों की ठगी तो हो जाती है,पर प्रशासन इन बातों से बेखबर रहता है.अभी तक इस फर्जी खेल में किसी प्रकार की गिरफ्तारी न होना ये दर्शाता है कि मधेपुरा में ऐसे असमाजिक तत्व और शिक्षा माफियाओं का असर अभी कम होने वाला नहीं है.वैसे छात्रों का विश्वास इस धोखे के बाद निश्चित रूप से शिक्षा माफियाओं पर से घटना चाहिए.
मधेपुरा में बिके प्रश्नपत्र निकले फर्जी,करोड़ों का हुआ खेल
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 22, 2012
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