मौसम की बेरूखी से जिले के किसान अक्सर त्रस्त रहते हैं और मार उनके जेब पर पड़ती रहती है.कई दिनों से जिले में कड़ी धूप ने जहाँ बाढ़ की आशंका को कम किया है और जलस्तर में लगातार हो रही कमी से आम लोग राहत की सांस लेने लगे हैं वहीं बारिश की कमी से धान के किसानों की चिंता बढ़ती नजर आती है.पर धूप होने से जूट के अधिकाँश किसान इस बार प्रसन्न नजर आ रहे हैं.किसानों के मुताबिक़ जूट की पैदावार इस बार अच्छी हुई है और
अधिकाँश किसान जूट तैयार कर रहे हैं.जूट का भाव भी किसानों के लिए संतोषजनक है.मुरलीगंज प्रखंड के पड़वा के शम्भू मंडल बताते हैं कि पड़वा स्कूल पर ही पैकार आकर २२०० रू० क्विंटल तक जूट खरीद कर ले जा रहे हैं.वे कहते हैं कि जूट छुड़ाने के बाद बचा संठी जलावन के काम आ जाता है जो अतिरिक्त बचत है.अब जब खेत खाली होगा तो जूट में हुए फायदे से इसमें हम मकई लगा देंगे.इस बार हम जूट की खेती कर संतुष्ट हैं.
अधिकाँश किसान जूट तैयार कर रहे हैं.जूट का भाव भी किसानों के लिए संतोषजनक है.मुरलीगंज प्रखंड के पड़वा के शम्भू मंडल बताते हैं कि पड़वा स्कूल पर ही पैकार आकर २२०० रू० क्विंटल तक जूट खरीद कर ले जा रहे हैं.वे कहते हैं कि जूट छुड़ाने के बाद बचा संठी जलावन के काम आ जाता है जो अतिरिक्त बचत है.अब जब खेत खाली होगा तो जूट में हुए फायदे से इसमें हम मकई लगा देंगे.इस बार हम जूट की खेती कर संतुष्ट हैं.
सरकार द्वारा अनुदान की बात पर किसान कहते हैं कि उनकी उम्मीद पर खेती नही की जा सकती.अपना हाथ जगन्नाथ.जो भी हो,किसानों को यदि कुछ फायदा होता है तो उनमे आत्मविश्वास आना स्वाभाभिक ही है.
जूट की खेती से किसानों में जगी है उम्मीद
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 30, 2011
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