लालू-शरद ने मधेपुरा के नेताओं को बनाया बौना

रूद्र ना० यादव|२० अगस्त २०११
राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए मधेपुरा का रूख क्या किया,उनके दल से जुड़े स्थानीय नेताओं की स्थिति चमचों जैसी हो गयी.इस बात में शायद कोई शक नहीं कि लालू यादव या फिर शरद यादव ने यादव बाहुल्य होने के कारण ही सेफ जोन मानकर मधेपुरा को अपना राजनैतिक मोहरा बनाया.आज मधेपुरा विभिन्न क्षेत्रों में विकास की बाट जोह रहा है.पर इन बड़े नेताओं के चलते मधेपुरा का विकास तो लगभग रुक ही गया है ऊपर से मधेपुरा आज नेतृत्व विहीन हो चला है.दूसरी तरफ यहाँ से सांसद बने ये राष्ट्रीय नेता हमेशा से राष्ट्रीय राजनीति करने में ही मशगूल रहे और स्थानीय मुद्दों से इन्हें जैसे चिढ सी रही है.देखा जाय तो मधेपुरा ने बी.पी.मंडल, भूपेंद्र नारायण मंडल, रासबिहारी मंडल जैसे राष्ट्रीय स्तर के कई कद्दावर नेताओं को जन्म दिया है जिन्होंने देश को कई मायनों में एक अलग दिशा दिखाने का काम किया.पर आज बाहरी नेताओं के आकर्षण में
पड़ी यहाँ की आम जनता विकास के लिए छटपटा रही है.स्थानीय नेता शक्तिविहीन अपने उभरने की जद्दोजहद में हैं,पर आज मधेपुरा की जनता के सामने सांसद पद के लायक एक भी स्थानीय नेता नही दीखता है.
      क्षेत्र की समस्याएं बढ़ती ही जा रही है.मधेपुरा का संपर्क राज्य के अन्य क्षेत्रों से लगभग टूटा ही रहता है.कल-कारखाने की बात तो दूर, सड़क और रेल की सुविधा भी यहाँ न के बराबर है.पर ऐसी स्थिति में भी स्थानीय नेता दिल्ली और पटना में बैठे अपने बॉस के आदेश का इन्तजार करते रहते हैं.बॉस जब कभी मधेपुरा आते हैं तो ये नेता उनकी खातिरदारी और चमचागिरी में बिजी हो जाते हैं और लोगों की समस्याएं धरी की धरी रह जाती है.अब तो बहुत से लोगों का ये भी मानना हो गया है कि जब तक मधेपुरा इन बाहरी नेताओं के चंगुल से निकल नहीं जाता, इसका सम्पूर्ण विकास संभव ही नहीं है.ऐसे में जरूरत है स्थानीय नेताओं को जन समस्यायों को गंभीरता से लेकर कुछ करने की, वर्ना जनता इन्हें भी कभी माफ नहीं करेगी.
लालू-शरद ने मधेपुरा के नेताओं को बनाया बौना लालू-शरद ने मधेपुरा के नेताओं को बनाया बौना Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 20, 2011 Rating: 5

5 comments:

  1. Agar baat is subject par kre to main sbse pahle RUDRA NARAYAN JEE,rudo bhaya se puchna chahunga ki kya koi saksiat ki pahchan koi mita ya daba sakta hai agr usme dam ho?
    For example Ann Hajare kon se neta ya popular the april 2011 se pahle magr unhone apne mudde or kaam se rastriaya star netao ko pani pila dia.
    Rudo bhaya purani kahawat hai -
    Chale na jane to aangan teda'
    baat agar pichlaguo ki kre to hathi ke piche kutte ka hona koi nai baat nhi hai,
    aap dusro ko tb tak apne jamin par aane se nhi rok sakte jb tak ki aap apne aap ko esa na bna lo ki local votar ko koi sochna na pade.
    MURLIGANJ KE SUBDIVISION BANNE KI MANG KB SE PENDING HAI,
    BENGA PULA OR BALUHA PULA KA KAAM ITNA DHIMA KYU,
    BLOCK OR OFFICE ME LOOT KYU,
    THANE KE SIPAHIYO DWARA GARI WALO SE JBRAN WASULI KYU,
    KUMARKHAND ME GIRLS COLLEGE, MURLIGANJ ME Female DOCTOR KYU NHI,
    RAILWAY SEVA START KYU NHI BAHAL HO RAHA,
    LIGHT KI PROBLEM KYU,
    Garibo ke paiso se officer or dalalo ka makan kyu.

    Itna mudda filhal kafi hai aapko batane ke lie... Jaha v jarurat pare main humesa aapke sath hu,
    mera kahna hai-
    "Swach man or swch vichar' milkar kro samaj sudhar"
    Nitesh.YUVA JANKALYAN SAMITI.

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  2. Baat to koi galat naheen kahi gayi hai ki bade netaon ne sthaneeya mudde ko tilanjali de dee hai. Sab se pahle to ye Madhepura ka hee pratinidhitva karte hain.To Madhepura ke liye chinta kyon naheen? Pratinidhitva to samay aane par badla jata hai.

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  3. ye report adhura hai. kaun kaun se local neta sakriya hai aur kisme bhavishya ka sanket milta hai iski bhi charcha honi chahiye...ye thoda fraud kism ka report hai.

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  4. bilkul sahi
    likha hai. ye neta to vikash naam ka shabd hi rah gya hai aur kuch nahi

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  5. Rudra Yadav ne sahi likha hai ki ye neta Yadav Bahul kshetra hone ke karan Madhepura se rajniti karte hain.. yahi karan hai ki Mishra pariwar koshi kshetra se rajniti na kar ke Darbhanga -Madhubani se rajniti karte hain...Lekin Lalu -Shrad ke yogdan ko darkinar nahi kiya ja sakta hai..inh ke karan national level pe log Madhepura ka nam jante hai..Madhepura mein University aur Rail Karkhana lalu ki hi den hai.

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