मेरी गुड़िया कितनी प्यारी,यह है सारे जग से न्यारी.इसकी आँखें छोटी-छोटी,होठों पर इसके है लाली.मुंह पर इसके तिल है काला,पहनी है मोती की माला.अच्छा सा दूल्हा मिल जाए,तो मेरी चिंता मिट जाए.फिर मैं इसका ब्याह रचाऊं,और खुशी से नाचूं गाऊं. -आस्था,वर्ग-स्टैंडर्ड-I, होली एंजेल्स स्कूल,मधेपुरा.
बहुत अच्छी कविता है.
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