विगत ४ मई को रजिस्ट्री कार्यालय परिसर में वृक्ष गिरने से हुए हादसे से पूरा जिला स्तब्ध रह गया था.उस हादसे को हम बड़ा कह सकते है क्योंकि उसमे एक जवान व्यक्ति की मौत हो गयी और कई घायल हो गये थे.मृतक के विषय में मिली अधिक जानकारी ने लोगों को और भी गमगीन कर दिया.चन्दन की शादी पिछले साल हुई थी और उसकी बेटी की छठी उसी शाम होनी थी जिस दिन चन्दन को मौत ने अपने आगोश में ले लिया.हादसा और भी बड़ा हो जाता अगर
भीड़ अपने चरम पर होती और उस वक्त बिजली रही होती.क्योंकि पेड़ ने अपने साथ बिजली के तारों को भी तोड़कर गिरा दिया था.
भीड़ अपने चरम पर होती और उस वक्त बिजली रही होती.क्योंकि पेड़ ने अपने साथ बिजली के तारों को भी तोड़कर गिरा दिया था. इस हादसे के चश्मदीदों में इस बात की चर्चा होने लगी कि रजिस्ट्री कार्यालय परिसर में लगे दर्जनों गुलमोहर के पेड छाया देने के अलावे भले ही परिसर की शोभा बढाने का काम कर रहे हों, पर इनमे से अधिकाँश झुक चुके है और इनकी जड़ें भी जमीन छोड़ने लगी हैं. लोगों का मानना था कि अगर इन पेड़ों को कटवाया नही गया तो और भी बड़े हादसे हो सकते हैं.पेड़ के नीचे चदरे के घर बनाकर बैठने वाले मोहरीरों ने इस बाबत प्रशासन से गुहार भी लगाई.
आखिर प्रशासन को जर्जर पेड़ों को कटवाने का फैसला लेना पड़ा ताकि ऐसे हादसे फिर न हो सके.
ताकि ऐसे हादसे फिर न हो सके...
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 06, 2011
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