जंतरमंतर दिल्ली में एक छोटी बच्ची के हाथों जूस पीकर अन्ना हजारे के अनशन खत्म करनेके बाद मधेपुरा में भी अनशनकारियों ने अनशन समाप्त कर दिया है.प्रसिद्द चिकित्सक और समाजसेवी डा० अरूण कुमार मंडल ने आमरण अनशन पर बैठे अंगद यादव, अशोक कामती, गुगल पासवान, अमरेन्द्र कुमार तथा संजीव कुमार बच्चु को जूस पिलाकर अनशन को तुडवाया.मौके पर अंगद कुमार ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ये हमारी छोटी सी जीत है.अभी असली लड़ाई बाक़ी है.हम तब तक चैन से नही बैठेंगे जब तक मधेपुरा के समाज में भ्रष्टाचार रहेगा.
भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना के समर्थन में हो रहे इस आमरण अनशन की खास बात ये रही कि जहाँ समाज के व्यापारियों,बुद्धिजीवियों,अधिवक्ताओं आदि का इस अनशन को समर्थन मिला वहीं अनशन को समर्थन देने न तो कोई नेता आया और न ही कोई अधिकारी.मालूम हो कि ये अनशन स्थल समाहरणालय के ठीक सामने है
और अधिकारियों की गाडियां जब समाहरणालय से निकलती होंगी तो इस हो रहे अनशन पर उनकी नजर भी पड़ती होंगी.क्या इससे ऐसा प्रतीत नही होता है कि मधेपुरा समाज के इन दो वर्गों ने भ्रष्टाचार को मौन सहमति दे रखी है?जो भी हो,भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार के झुकने और विभिन्न अनशनों के समाप्त हो जाने से मधेपुरा समेत देश के अन्य क्षेत्रों में लोगों ने राहत की सांस ली होगी.
और अधिकारियों की गाडियां जब समाहरणालय से निकलती होंगी तो इस हो रहे अनशन पर उनकी नजर भी पड़ती होंगी.क्या इससे ऐसा प्रतीत नही होता है कि मधेपुरा समाज के इन दो वर्गों ने भ्रष्टाचार को मौन सहमति दे रखी है?जो भी हो,भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सरकार के झुकने और विभिन्न अनशनों के समाप्त हो जाने से मधेपुरा समेत देश के अन्य क्षेत्रों में लोगों ने राहत की सांस ली होगी.
मधेपुरा में भी टूटा आमरण अनशन:नेता और पदाधिकारी दुबके रहे
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 09, 2011
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ये वही नेता नेता हैं जिन्होंने मधेपुरा में सबसे अधिक RTI के माध्यम से भ्रष्टाचार के मामले उजागर किये और सबसे बड़ी बात यह की हिंदुस्तान और RTI के इतिहास में सबसे पहले प्राप्त जानकारियों के आधार पर मधेपुरा के पदस्थापित जिला पदाधिकारी को गिरफ्तार कराया. अतः अंगद यादव जैसे नेता, जो विधायक या मंत्री नहीं हैं, और आम लोगों की नज़र में भ्रष्टाचार से लड़ने वाले योद्धा हैं, सामाजिक कार्यकर्ता अधिक हैं. उनका अन्ना हजारे के समर्थन में अनशन करना लाजिमी है. मैं उनके जज्बे का इस्तेकबाल करता हूँ
ReplyDeleteTo reply to satirical observations on Anna's Movement - अब भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकता है, भ्रष्टाचार से मुक्त होने के आसार हैं,
ReplyDeleteअन्ना की जीत, भ्रष्टाचार की हार...जंग जारी है....