वेलेंटाइन डे...मस्ती और इजहार का दिन

पंकज कुमार भारतीय/१२ फरवरी २०११ 
प्यार तुम क्या चीज हो,
                     अबूझ,
                         अनाम,
                            एक चिरंतन रहस्य?
प्रेम के चिरंतन रहस्य के उदघाटन में पीढियां दर पीढियां गुजरती रही,लेकिन रहस्य गहराता रहा.थक कर अन्वेषकों ने 'प्यार' की सार्वभौमिकता स्वीकारी तो 'वेलेंटाइन दिवस' की उत्पत्ति हुई.
वेलेंटाइन प्यार और रोमांस के संत के रूप में मशहूर हैं,जो मूलतः रोम के रहने वाले थे.संत वेलेंटाइन की याद में १४ फरवरी को वेलेंटाइन डे के रूप में मनाने की परंपरा सदियों से रही है.पश्चिमी देशों में मनाये जाने वाले इस खास दिवस को अब भारत में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है.
हाल-ए-दिल बयां करने का दिवस: युवाओं को इस खास दिन का बेसब्री से इन्तजार रहता है,क्योंकि यह दिन
अपने हाल-ए-दिल को बयां करने का एक सुनहरा अवसर होता है.'कहनी थी तुमसे जो दिल की बात,लो आज मैं कहता हूँ.......' के द्वारा युवा अपनी चिर आकांक्षा को पूरा करते हैं.एलआईसी में विकास अधिकारी युवा मुकेश
कुमार कहते हैं कि प्रणय निवेदन करना आसान नही होता है.इस मुश्किल को आसान वेलेंटाइन डे ही करता है.सच भी है कि 'ढाई अक्षर' को व्यक्त करने में कभी-कभी वर्षों लग जाते हैं और तब तक सब कुछ हाथ से निकल चुका होता है.
रिश्ते पर लगती है मुहर: वेलेंटाइन डे प्यार को रिश्ते में बदलने का अवसर प्रदान करता है.'लाख गहरा हो सागर तो क्या,प्यार से कुछ भी गहरा नही....'यहाँ इस अवसर पर मूर्त रूप ग्रहण करता है.शादियों में 'मध्यस्थ' की भूमिका सीमित होती  जा रही है.युवा अपनी पसंद को ही रिश्ते में तब्दील कर रहे हैं.पसंद की खोज वेलेंटाइन डे जैसे अवसरों पर ही पूरी होती है.प्यार को शादी तक पहुंचाने वाले रंधीर सिंह स्वीकार करते हैं कि उनके रिश्ते की नींव संत वेलेंटाइन के दिवस पर ही पडी थी.शादी-शुदा इस अवसर पर अपनी भावना का इजहार कर रिश्ते में गर्माहट लाने का प्रयास करते हैं.
लाल गुलाब की है खास अहमियत: लाल रंग प्यार एवं शुभकामना का प्रतीक माना जाता है.बात करें लाल गुलाब की तो यह इजहार का खास प्रतीक है.इस दिन गुलाब भेंट कर प्यार का इजहार किया जाता है.आम दिनों में पांच रूपये में मिलने वाला गुलाब खास-दिन दस से पन्द्रह रूपये में बिकता है.इस दिन मणिपाल गुलाब की मांग सर्वाधिक होती है जिसकी पंखुड़ी जल्दी नही झडती है.गिफ्ट के टूर पर पेश किया जाने वाला गुलाब ३०-१०० रूपये तक में बिकता है.
कार्ड का क्रेज है बरकरार: अभिव्यक्ति के कई माध्यम हैं. अभिव्यक्ति के आधुनिक माध्यमों के बावजूद आज भी कार्ड का क्रेज बरकरार है.कार्ड खरीद कर लौटी डेजी कहती हैं कि कार्ड सहेज कर रखने की चीज है जिससे आप लंबे समय तक अपनी भावना को महसूस कर सकते हैं.बाजार में आकर्षक डिजाइन में ३०-१५० रूपये का कार्ड उपलब्ध है.खास बात यह है कि किसी कार्ड पर वेलेंटाइन डे लिखा हुआ नही है.
गिफ्ट आइटमों से सजा बाजार: वेलेंटाइन डे के अवसर पर बाजार में गिफ्ट के सैकड़ों आइटम मौजूद हैं.ऐसे मौके पर सर्वाधिक बिक्री 'कपल गिफ्ट' की होती है,जिसमे पुरुष और नारी दोनों की उपस्थिति होती है.यह ५०-२०० के रेंज में उपलब्ध है.क्रिस्टल डॉल्फिन ८०-३०० के रेंज में उपलब्ध है.सबसे सुलभ 'फ्रेंडशिप बैंड' उपलब्ध है जिसकी कीमत १०-२० रूपये है.
होगी  अपनों से दिल कि बात: युवा आईटी प्रोफेशनल ऋतुराज कहते हैं कि खास दिन में कुछ मस्ती एवं कुछ शरारत होगी.साथ ही होगी अपनों से दिल की बात.ऑनलाइन हिन्दी कंप्यूटर शिक्षा 'समिधा फाउन्डेशन' के संस्थापक संदीप सांडिल्य कहते हैं कि नए दौर में ई-मेल और चैटिंग के जरिये लोग अपनी बात धडल्ले से कहते हैं.अपने इंजीनियर पति से दूर साक्षी कहती है कि उन्हें मिस तो कर ही रही हूँ,लेकिन खास दिन उनसे मोबाइल के जरिये अपनी बात कह सकूंगी.     
वेलेंटाइन डे...मस्ती और इजहार का दिन वेलेंटाइन डे...मस्ती और इजहार का दिन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 12, 2011 Rating: 5

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