मधेपुरा में फर्जी दारोगा गिरफ्तार

निज संवाददाता/१३ अगस्त २०१०
पिछले पांच वर्षों से पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत स्वयं को दारोगा के पद पर प्रतिनियुक्त बताकर ठगी कर मवेशी व्यवसाईयों चूना लगाने वाला शख्श आखिर पुलिस के हत्थे चढ ही गया.हाजीपुर के धबौली बिदुपुर के संतोष सिंह पुलिस की वर्दी पहन कर अपने को मधेपुरा जिले में एक दारोगा के रूप में स्थापित कर स्थानीय थानों तक की मदद लेता था
और पुलिस बल लेकर मवेशी विक्रेताओं पर छापे मारता था और रिश्वत लेकर उन्हें छोड़ भी देता था. प्राप्त जानकारी के अनुसार एक एनजीओ से जुडा हुआ था और स्वयं को इंडियन साइंस रिसर्च एंड रूरल डेवलपमेंट का भी समन्वयक बता कर नौकरी दिलाने के नाम पर भी ठगी का काम करने लगा था.इस जालसाज पर शक मवेशी विक्रेताओं को तब हुआ जब उन्होंने पता किया कि दूसरे जिला में इस तरह का कोई दारोगा नियुक्त है ही नहीं और तब इन्होने सूचना का अधिकार को सहारा बनाकर तथा इस कथित दारोगा संतोष सिंह से जुड़कर ही वास्तविकता का पता लगा ही लिया.दरअसल कुख्यात ठग संतोष सिंह की ठगी का पटाक्षेप तब हुआ जब भेलवा सौरबाजार के एक पशु व्यापारी पृथ्वी सिंह,जो पशु खरीदकर सिंघेश्वर से सुपौल जा रहा था,को इस नकली दारोगा ने पांच-छ: व्यक्तियों से रोका और पिस्तौल दिखाकर ग्यारह हजार रूपये मांगे.नहीं देने पर मार-पीट कर उससे बत्तीस सौ रूपये छीन लिए.पृथ्वी सिंह ने इसकी सूचना अपने मालिक को दी,तब मालिक ने इसकी शिकायत मधेपुरा के एसडीओ गोपाल सिंह मीणा से की तथा इस फर्जी दारोगा से सम्बंधित सूचनाएं एकत्र कर इस जालसाज को दो साथियों बेलो के अमित कुमार एवं फुलकाहा के ब्रजेश कुमार सहित धर दबोचा गया.दारोगा पर रंगदारी लेने का भी आरोप लगा कर उसे जेल भेज दिया गया.अब जो लोग तथा व्यापारी इस नकली दारोगा के द्वारा उल्लू बनाये गए हैं वे इस जालसाज के बाहर आने का इन्तजार कर रहे हैं ताकि इससे ठगी गयी राशि वसूल की जा सके. घोर आश्चर्य की बात तो यह है कि आखिर स्थानीय पुलिस को कभी इस फर्जी दारोगा पर शक क्यों नही हुआ या फिर लूट की आमदनी में कई हिस्से लगा करते थे?
मधेपुरा में फर्जी दारोगा गिरफ्तार मधेपुरा में फर्जी दारोगा गिरफ्तार Reviewed by Rakesh Singh on August 13, 2010 Rating: 5

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