बैठक में फूड एंड एलाइड वर्कर यूनियन के प्रतिनिधि प्रमोद कुमार ने मजदूरों के हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। मजदूरों ने बताया कि उन्हें पिछले चार माह से मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है तथा ईपीएफ जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं।
मजदूरों का कहना है कि एसएफसी गोदाम मुरलीगंज में 15 से 20 मजदूर वर्ष 2011-12 से लगातार कार्य कर रहे हैं, इसके बावजूद बिहार सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी उन्हें नहीं मिल रही है। यहां तक कि मजदूरों की नियमित उपस्थिति भी दर्ज नहीं की जाती। इस संबंध में एसएफसी के अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
मजदूरों ने बताया कि लगभग एक माह पूर्व सीएमआर गोदाम संख्या-8 में चावल लोडिंग के दौरान एक मजदूर की मौत हो गई थी। इसके बाद मजदूरों ने धरना-प्रदर्शन किया था, जिस पर एसएफसी पदाधिकारियों ने लेबर कार्ड व ऐप बनवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
मजदूरों के अनुसार बिहार सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी ₹9.50 प्रति बोरी निर्धारित है, जबकि उन्हें मात्र ₹4 प्रति बोरी का भुगतान किया जा रहा है। इस संबंध में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा जिला व अनुमंडल प्रशासन को भी अवगत कराया जा चुका है। वहीं परिवहन अभिकर्ता द्वारा मजदूरों को काम छोड़ने की धमकी दिए जाने का आरोप भी लगाया गया।
मजदूरों ने बताया कि इस मामले को लेकर पटना उच्च न्यायालय में सीडब्ल्यूजेसी संख्या 18391/2024 दायर की गई थी। इस पर 03 सितंबर 2025 को न्यायालय ने मौखिक आदेश देते हुए संबंधित प्राधिकार को निर्धारित समय सीमा के भीतर अभ्यावेदन पर विचार कर आवश्यक आदेश पारित करने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके मजदूरों का कहना है कि अब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है।
मौके पर वीरेंद्र मंडल मुरलीगंज, कुंदन यादव मुरलीगंज ,दीप नारायण पासवान सिंघेश्वर, श्रवण कुमार, कुमारखंड अरुण कमानी, बिहारीगंज, मो इरफान बिहारीगंज, वीरेंद्र कुमार आदि के मजदूरों ने भी बैठक में भाग लिया.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 18, 2025
Rating:


No comments: