जाम की सूचना मिलते ही सरपंच प्रतिनिधि उपेंद्र मेहता ने सीओ को जानकारी दी। सूचना पाकर सीओ आकांक्षा, थानाध्यक्ष रंजन कुमार, एसआई अतुल कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारी महिला-पुरुषों एवं युवाओं से वार्ता कर समझाने-बुझाने के बाद दो घंटे बाद जाम समाप्त कराया। इसके बाद आवागमन बहाल हुआ।
ग्रामीण अब्दुल कैयूम, आशा देवी, जनार्दन सरदार, सुदामा देवी, नीलम देवी, रिंकू देवी सहित अन्य लोगों ने बताया कि वार्ड 8 में सड़क नहीं रहने से करीब पचास परिवारों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। हर वर्ष बारिश के समय सूरसर नदी का जलस्तर बढ़ने पर घर के आगे-पीछे चार से पांच फीट तक पानी भर जाता है। लोग पगडंडी के सहारे किसी तरह पक्की सड़क तक पहुंचते हैं। बच्चों का स्कूल जाना और पढ़ाई पूरी तरह बाधित हो गया है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण के लिए कई बार स्थानीय मुखिया, विधायक और सांसद को आवेदन दिया गया, लेकिन आज तक कोई पहल नहीं हुई। इससे लोगों का जनजीवन प्रभावित है और बच्चों का भविष्य अंधकार में है।
सीओ आकांक्षा ने बताया कि सड़क निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने जाम किया था। जलभराव से करीब पचास परिवारों को परेशानी हो रही है। ग्रामीणों को खाता-खेसरा के साथ लिखित आवेदन बीडीओ और एसडीएम को सौंपने को कहा गया है, ताकि सड़क निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
(रिपोर्ट: मीना कुमारी/ मधेपुरा टाइम्स)

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