मंगलवार को भी संध्या आरती के समय मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। परंपरागत वस्त्र पहने पंडितों और युवाओं द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण तथा ढोल-नगाड़ों व शंखनाद की गूंज से वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो उठा। महिलाओं और पुरुषों ने श्रद्धा-भाव से आरती में हिस्सा लिया। "जय माता दी" के जयकारों से मंदिर परिसर गूंजता रहा।
आरती के उपरांत श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण किया गया। दुर्गा पूजा समिति की ओर से रोशनी, सुरक्षा, भीड़ प्रबंधन, प्रसाद और शीतल पेय जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं। समिति के अनुसार नवरात्र के शेष दिनों तक प्रतिदिन संध्या आरती और विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा। स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि आरती के समय मंदिर परिसर में अद्भुत ऊर्जा और सकारात्मक वातावरण का अनुभव होता है, जिससे भक्त मां दुर्गा की आराधना कर सुख-समृद्धि और शांति की कामना कर रहे हैं।

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