"मध्यस्थता और सुलह के द्वारा वादों का निपटारा आज की आवश्यकता है. सभी न्यायिक पदाधिकारी, अधिवक्तागण तथा वादी/ प्रतिवादी इसके लिए पूरी शिद्दत से आगे आयें. यही वो तरीका है जिससे लंबित मुकदमों की संख्या में उल्लेखनीय कमी लाने के साथ-साथ समाज में भी शान्ति लाई जा सकती है."
उक्त बातें मधेपुरा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष बलराम दूबे ने अपने वेश्म में मधेपुरा न्यायमंडल के सभी न्यायिक और अधिवक्ता संघ के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कही.
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार, नई दिल्ली (NALSA) तथा बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (BSLSA) के दिशानिर्देश के आलोक में 90 दिन के लिए चल रहे 'राष्ट्र के लिए मध्यस्थता' अभियान को लेकर गुरूवार को मधेपुरा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष बलराम दूबे ने अपने वेश्म में मधेपुरा न्यायमंडल के सभी न्यायिक अधिकारी और अधिवक्ता संघ के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. अनुमंडलीय न्यायिक अधिकारियों और अनुमंडलीय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष व सचिव के साथ उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की और आवश्यक निर्देश दिए.
बैठक में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलराम दूबे ने मध्यस्थता के माध्यम से अधिक से अधिक मामलों के निष्पादन के लिए प्रगति का जायजा लेते हुए आवश्यक दिशानिर्देश दिए. उन्होंने निर्देश देते कहा कि सभी न्यायालय मध्यस्थता के लिए अधिक से अधिक मामले की पहचान कर उन्हें रेफर करें. उन्होंने कहा कि 'राष्ट्र के लिए मध्यस्थता' अभियान को पूरी तरह सफल बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है और इसके लिए सबों का सहयोग अपेक्षित है.
बैठक में मौजूद न्यायिक अधिकारियों और जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राज किशोर यादव तथा महासचिव सदानंद यादव ने मध्यस्थता अभियान को सफल बनाने के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया.
(रिपोर्ट: मनीष कुमार)

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