क्षेत्र के कई गाँव में बाढ़ का पानी घुसकर तबाही मचाना शुरू कर दिया है और निचले इलाके में रह रहे बाढ़ प्रभावित लोग ऊँचे जगहों पर शरण ले रहे हैं। चौसा के फुलौत पूर्वी व पश्चिमी, मोरसंडा तथा आलमनगर के कई पंचायतों में बाढ़ का पानी लोगों के घरों व स्कूलों मे प्रवेश कर चूका है तो वहीं कई सड़कों पर भी बाढ़ का पानी चढ़ गया है जिस कारण ग्रामीण अपनी जान को हथेली पर लेकर आने जाने को मजबूर हैं। लोगों के लिए महज नाव ही एक मात्र यातायात का साधन बच गया है। ऐसे में स्थानीय लोग जिला प्रशासन से निचले इलाकों में नाव परिचलन करने तथा राहत व पशु चारा की मांग कर रहे हैं। स्थानीय बाढ़ प्रभावित लोगों की माने तो कुछ जगहों पर दिन में नाव की व्यवस्था है लेकिन शाम के बाद यातायात का कोई साधन नहीं रहता है। जिस कारण रात में आवश्यकता पड़ने पर परेशानी हो रही है।
वहीं मधेपुरा डीएम तरणजोत सिंह ने बताया कि बाढ़ को लेकर सभी तैयारी पूरी हो चुकी है। नाव परिचालन, पशु चारा और मानवीय राहत सामग्री को निविदा निकाली जा चुकी है। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक हो चुकी है। बाढ़ से निपटने को लेकर जिला प्रशासन तैयार है और हर हाल मे बाढ़ प्रभावितों का मदद की जाएगी।

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