छात्र संवाद के साथ 'विश्वविद्यालय बचाओ, शिक्षा बचाओ' संघर्ष का आगाज

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय एवं उसके अंतर्गत कॉलेजों में व्याप्त कुव्यवस्था,अराजकता को लेकर संयुक्त छात्र संगठनों द्वारा पूर्व निर्धारित संघर्ष का आगाज रविवार को कर दिया गया। पहले दिन सुबह ग्यारह बजे से देर शाम तक ओबीसी छात्रावास, अल्पसंख्यक छात्रावास सहित विभिन्न लॉज में जाकर छात्रों से संवाद कर वर्तमान शैक्षणिक परिवेश, कॉलेज और विश्वविद्यालय में व्याप्त कुव्यवस्था पर चर्चा की।

छात्र नेताओं  का साफ शब्दों में कहा कि इस क्षेत्र सबसे बड़ी धरोहर भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय को क्षेत्र के शैक्षणिक उत्थान और विकास का केंद्र बनाने के लिए स्थापित किया गया था जिसके स्थापना के उद्देश्य को सफल बनाने के बजाय विवाद का केंद्र बना कर रख दिया गया है जिसके खिलाफ संयुक्त छात्र संगठन ने यह संघर्ष का शंखनाद किया है। विश्वविद्यालय बचाओ शिक्षा बचाओ में संयुक्त छात्र संगठन ने छात्रों से सहयोग की अपील की।

 संवाद में सामने आई कैंपस से जुड़ी कई समस्याएं 

छात्रावास में संवाद के के दौरान विभिन्न विभागों,कॉलेजों से जुड़े छात्रों ने भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय परिसर में व्याप्त कुव्यवस्था, पदाधिकारियों की मनमानी, रिजल्ट गड़बड़ी के नाम पर जहां शारीरिक, मानसिक, आर्थिक शोषण की भी शिकायत की वहीं छात्रों ने कहा कि उचित पैसा खर्च होने के बाद भी वो बेहतर शिक्षा का माहौल नहीं मिल पा रहा जिसके कारण वो अपने सपने को साकार करने के बजाय उलझे रहते हैं।

 शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ तीनों जिलों का संपर्क, संवाद और संघर्ष होगा ऐतिहासिक 

संपर्क, संवाद और संघर्ष का आगाज करते हुए छात्र नेताओं ने कहा कि आज से शुरू यह संवाद तीनों जिलों में चलेगा जिसमें लगभग एक पखवाड़ा से अधिक समय एक जिले में संयुक्त छात्र संगठन की टीम समय देगी और समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों से संपर्क और संवाद स्थापित कर संघर्ष में सहयोग की अपील करेगी। इस दौरान वॉल राइटिंग, पर्चा, पोस्टर का भी सहारा लिया जाएगा। छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय की कुव्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि सात जिलों में फैले विश्वविद्यालय के तीन जिलों में सिमटने के बाद उम्मीद जगी थी कि अब बेहतर शैक्षणिक माहौल मिलेगा लेकिन हालात और बद से बदतर हो चली है इसको बचाने और बिगड़े हालात को सुधारने के लिए ही तीनों जिला अंतर्गत सभी कॉलेजों, पीजी विभागों, हॉस्टल, लॉज, लाइब्रेरी का भ्रमण कर छात्र छात्राओं से उनकी समस्याओं को संग्रहित की योजना है, वहीं स्थानीय स्तर पर विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों सहित बुद्धजीवियों से भी संपर्क की शुरुआत कर दी गई है।

 तीनों जिलों में जिला एवं पुलिस प्रशासन को विश्वविद्यालय के दोहरे चरित्र से कराया जाएगा अवगत

संवाद के दौरान छात्र नेताओं ने कहा कि अक्सर विश्वविद्यालय अपनी अराजकता और कुव्यवस्था के खिलाफ जारी आंदोलनों में जिला और पुलिस प्रशासन को गुमराह करती है अपनी साफ सुथरी छवि दर्शाती और छात्रहित के मुद्दों पर संघर्षरत छात्र नेताओं को खलनायक दिखाती है अब यह चाल और नहीं सफल होने वाली। संघर्ष के क्रम में संयुक्त छात्र संगठन की एक टीम साक्ष्य सहित विश्वविद्यालय की कुव्यवस्था ,पदाधिकारियों की मनमानी की जानकारी दे इनके दोहरे चरित्र को उजागर करने के साथ स्थानीय महत्वपूर्ण मुद्दों पर पहल की कोशिश करेगी साथ ही जिला एवं पुलिस प्रशासन का गलत प्रयोग कर धमकाने पर भी अपना पक्ष रखेगी।

 नौ अगस्त को विश्वविद्यालय बचाओ शिक्षा बचाओ प्रदर्शन में साथ की अपील 

संवाद के दौरान संयुक्त छात्र संगठन की टीम ने कहा कि आज से शुरू हुई यह  विश्वविद्यालय बचाओ शिक्षा बचाओ संघर्ष की शुरुआत  नौ अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय मुख्यालय पर विशाल प्रदर्शन के साथ समाप्त होगी।इस दौरान संघर्ष का कारवां मधेपुरा से शुरू हो सहरसा और सुपौल का सफर तय करेगी। छात्र नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह आंदोलन निर्णायक होगी जो भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में छात्रों के हक अधिकार के साथ मजाक, कर्मचारियों, शिक्षकों, पेंशनरों की हकमारी का मुंहतोड़ जवाब देगी।  

संवाद में मुख्य रूप से  एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार, युवा शक्ति नेता सौरव यादव, पूर्व छात्र नेता डॉ हर्ष वर्धन सिंह राठौर, सुमित यादव आदि उपस्थित रहे वहीं बड़ी संख्या में जहां छात्रों ने भाग लिया और संघर्ष में हर संभव सहयोग की बात कही.

छात्र संवाद के साथ 'विश्वविद्यालय बचाओ, शिक्षा बचाओ' संघर्ष का आगाज छात्र संवाद के साथ 'विश्वविद्यालय बचाओ, शिक्षा बचाओ' संघर्ष का आगाज Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 16, 2025 Rating: 5

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