 इस मौके पर कुप्पाघाट आश्रम से पधारे महर्षि में ही परमहंस जी महाराज के मानस पुत्र गुरु सेवी भागीरथ जी महाराज का प्रवचन हुआ। दो दिनों तक चले उक्त समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा का नाश नहीं होता है। ब्रह्मांड का नाश होता है। ब्रह्मांड बनता रहता है,और उसका विनाश भी होता  रहता है। इसलिए परमात्मा को पाने के लिए अपने आप में सिमटाव करना पड़ेगा।आंख बंद करते हैं,तो अंधकार दिखाई पड़ता है, इसी अंधकार में एकटक देखना है। जिस दिन दोनों धार मिलेगी तो अंतर में प्रकाश जागृत होगा और मोक्ष का मार्ग खुल जाएगा। यह संभव तभी होगा जब आप योग गुरु से युक्ति जानकर मुक्ति का प्रयत्न करेंगे।
इस मौके पर कुप्पाघाट आश्रम से पधारे महर्षि में ही परमहंस जी महाराज के मानस पुत्र गुरु सेवी भागीरथ जी महाराज का प्रवचन हुआ। दो दिनों तक चले उक्त समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परमात्मा का नाश नहीं होता है। ब्रह्मांड का नाश होता है। ब्रह्मांड बनता रहता है,और उसका विनाश भी होता  रहता है। इसलिए परमात्मा को पाने के लिए अपने आप में सिमटाव करना पड़ेगा।आंख बंद करते हैं,तो अंधकार दिखाई पड़ता है, इसी अंधकार में एकटक देखना है। जिस दिन दोनों धार मिलेगी तो अंतर में प्रकाश जागृत होगा और मोक्ष का मार्ग खुल जाएगा। यह संभव तभी होगा जब आप योग गुरु से युक्ति जानकर मुक्ति का प्रयत्न करेंगे। 
इस अवसर पर रामलाल ब्रह्मचारी बाबा के अलावे ज्ञान शिखर जी महाराज, स्वामी संजय बाबा, स्वामी नाथ बाबा, स्वामी उदय बाबा, स्वामी गुरुदेव बाबा तथा अन्य साधु संतों का भी प्रवचन श्रद्धालुओं को प्राप्त हुआ। सत्संग के दोनों दिन भजन भेद का भी कार्यक्रम जारी रहा। उपरोक्त समारोह का संचालन सफलता पूर्वक संपन्न कराने में विजय कुमार मंडल, कुलदीप मंडल, कामेश्वर मंडल, पीतांबर मंडल, कैलाश मंडल,अनिल मंडल, गुरुजी मंडल, शिवकुमार मंडल, अनुरोध मंडल,वीरेंद्र मंडल, कैलाश मंडल,भंडारी मंडल, सीताराम मंडल समेत समस्त ग्रामवासी का पूर्ण सहयोग रहा।
(रिपोर्ट: रानी देवी)
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November 11, 2024
 
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