अर्थी जुलूस में एनएसयूआई, छात्र राजद, एआईएसएफ, आइसा, छात्र लोजपा, भीम आर्मी आदि संगठन के नेता व कार्यकर्ता शामिल थे। छात्र नेता विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार से प्रशासनिक भवन में प्रवेश कर कुलसचिव कार्यालय के सामने अर्थी को रख कर नारेबाजी की। इसके बाद परीक्षा विभाग, यूएमआईएस कार्यालय और कुलपति कार्यालय गेट के बाहर अर्थी को रख कर आक्रोश जताया।
अर्थी जुलूस में शामिल एआईएसएफ के राज्य अध्यक्ष रजनीकांत कुमार ने कहा कि आंदोलनकारी छात्रों के ऊपर विश्वविद्यालय ने निलंबन की कार्रवाई कर छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार को कुचलकर उन्हें डराने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि छात्र संगठन से जुड़े हमारे कोई भी साथी डरने वाले नहीं हैं। विवि प्रशासन को बिना कोई शर्त का निलंबन वापस लेना होगा।
एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि वर्तमान कुलपति प्रो. बीएस झा तानाशाही के चरम पर हैं । आरोपी प्रोफेसर को परीक्षा नियंत्रक बनाने के खिलाफ आंदोलन करने वाले छात्रों के ऊपर कार्रवाई करना उचित नहीं है।
वहीं छात्र राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष अमृत कुमार अमरकांत ने कहा कि कुलपति को निलंबन का पत्र वापस लेना होगा।
छात्र राजद के निवर्तमान विवि अध्यक्ष सोनू यादव ने कहा कि कुलपति डॉ. बीएस झा ने पुलिसिया और तानाशाही कार्रवाई कर विश्वविद्यालय से लोकतंत्र को खत्म कर दिया है।
आइसा के विवि अध्यक्ष अरमान अली ने कहा कि कुलपति जब से आए हैं तब से सिर्फ छात्र शिक्षक कर्मचारी को परेशान करके रखा है।
अर्थी जुलूस में एआईएसएफ की राज्य परिषद सदस्य मौसम प्रिया, छात्र लोजपा के विवि अध्यक्ष जसवीर पासवान, भीम आर्मी के बिट्टू रावण, छात्र राजद के निशिकांत कुमार, नीतीश कुमार, मधुसूदन कुमार, प्रिंस कुमार, आरजू कुमार, प्रशांत कुमार, आइसा के राजकिशोर कुमार, एआईएसएफ प्रभात रंजन आदि मौजूद रहे।
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