अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश मंत्री ने कहा कि यह कुलपति के द्वारा तानाशाही प्रवृत्ति को स्थापित करने की मंशा है। इससे स्पष्ट पता चलता है कि वर्तमान कुलपति भ्रमित हो चुके है। उन्होंने अपनी सनक को पूरा करने के लिए छात्र-छात्राओं के ऊपर इतना कठोर कार्रवाई किया जो कि कहीं से भी उचित नहीं है। वर्तमान कुलपति के द्वारा जिस प्रकार से छात्रों का लोकतांत्रिक अधिकार छीनने का प्रयास किया जा रहा है इससे मंडल विश्वविद्यालय में छात्रों का संवैधानिक अधिकारों का हनन और लोकतंत्र को समाप्त करने की साजिश से कम नहीं है।
जिला संयोजक नवनीत सम्राट ने कहा कि वर्तमान कुलपति की मनोदशा कहीं से भी ठीक नहीं है. वर्तमान कुलपति ने कुछ भ्रष्ट लोगों को पदाधिकारी के रूप में नियुक्त किया है जो कि कहीं से भी सही नहीं है।
वहीं समीक्षा यदुवंशी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्राओं को इस प्रकार के कृत्यों में झूठ और मनगढ़ंत आरोप लगा करके अपराधी बनाना चाहती है । विश्वविद्यालय से जहां छात्र-छात्राओं का भविष्य का निर्माण होता है वहीं विश्वविद्यालय की मंशा अगर छात्र-छात्राओं को अपराधी बनाना है तो छात्र अपराधी ही बनेंगे।
मौके पर नवनीत सम्राट, राजू सनातन, शंकर कुमार, अमोद आनंद, संजीव कुमार, भावेश झा, सौरभ यादव आदि उपस्थित थे।
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