प्रशिक्षण में फाइलेरिया के फैलने का कारण उससे बचने के उपाय, आदि बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गयी. प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित त्रिलोक मिश्रा ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है. रुके हुए पानी में मच्छर पनपता है, तथा संक्रमित व्यक्ति को काटकर मच्छर संक्रमित हो जाता है. जिससे अन्य लोगों को वह संक्रमित करता है, इसका इलाज नहीं है. इसलिए सरकार इसकी रोकथाम के लिए हर साल साल घर-घर गोली का वितरण मुफ्त में करती है. गोली को खाली पेट नहीं लेना चाहिए. हर साल फाइलेरिया प्रभावित क्षेत्र में एमडीए कार्यक्रम के द्वारा फाइलेरिया की रोकथाम की जाती है. 10 अगस्त से 14 अगस्त तक आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा उक्त दवा घर-घर मुफ्त में दी जाएगी. इसके अलावा 15 अगस्त से 24 अगस्त तक स्कूली बच्चों को उक्त दवा दी जाएगी.
2 साल के कम उम्र के बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को यह दवाई नहीं दी जाएगी. हाइड्रोसील भी फाइलेरिया का रूप है जिसका इलाज सरकारी अस्पताल में फ्री में किया जाता है. एक सर्वे के अनुसार 2018 में 256, 2020 में 272, 2021 में 328 तथा 2023 में 345 व्यक्ति संक्रमित पाए गए. फाइलेरिया जिसको हो गया उसका कोई इलाज नहीं है. सिर्फ इसकी रोकथाम की जा सकती है ताकि यह रोग किसी को न हो.
प्रशिक्षण के दौरान प्रखंड बीआरपी एमडीएम पंकज कुमार, हाई स्कूल के हेडमास्टर प्रदीप कुमार, प्रशिक्षक गोपाल कुमार, मोतीलाल मंडल, पूर्व बीआरपी शिवराज राणा के अलावे प्रशिक्षण में शिक्षक संतोष कुमार, छट्टू मंडल, दिलीप कुमार, रवि शंकर कुमार, उषा कुमारी, सुरेश पासवान, शालिनी गुप्ता, मनोज कुमार, प्रेम शंकर कुमार, अजय कुमार सिंह व अन्य मौजूद थे.
(रिपोर्ट: रानी देवी/ मधेपुरा टाइम्स)
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