बैठक में सर्वप्रथम थाना और ओपी परिसर में सभी जनप्रतिनिधि और आम नागरिक को नए कानून के प्रावधानों से अवगत कराते हुए थाना अध्यक्ष रंजन कुमार, ओपी अध्यक्ष अवधेश प्रसाद ने बताया कि एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हुआ है. जिसमें पुराने तीन कानूनों में बदलाव से आम आदमी को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब वह कहीं से भी एफआईआर दर्ज करा सकेंगे. यह जरूरी नहीं होगा कि जहां अपराध हुआ है उसी से संबंधित थाने में तहरीर दी जाए. अब जीरो एफआईआर को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 173 के माध्यम से कानूनी मान्यता दे दी गई है.
वहीं उन्होंने कहा कि तीन नए कानून लागू होने के बाद मुकदमे को वापस लेना आसान नहीं होगा. अदालत में लंबित आपराधिक मुकदमे को वापस लेने के लिए पीड़ित को कोर्ट में अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा. पीड़ित को सुनवाई का अवसर दिए बिना मुकदमा वापस लेने की सहमति अदालत नहीं देगी.
बैठक की समाप्ति के दौरान सभी जनप्रतिनिधि, आम नागरिक सहित पुलिसकर्मी ने राष्ट्रगान गाकर बैठक समाप्त की. इस मौके पर जनप्रतिनिधि सहित पुलिसकर्मी मौजूद थे.
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