संयुक्त छात्र नेताओं ने कुलपति ऑफिस के सामने जमकर नारेबाजी की एवं उसके बाद विश्वविद्यालय के मेन गेट पर पुतला दहन किया. मौके पर संयुक्त छात्र संगठन के नेताओं ने एक स्वर में कहा कि बीएनएमयू में कुछ भी ठीक नहीं है. 55 लाख का कॉन्फ्रेंसिंग सिस्टम गायब है. केंद्रीय स्टोर में समान पहुँचा ही नहीं और हो गया भुगतान. प्रभारी कुलपति प्रो. राजनाथ यादव कई महीने से बीएनएमयू को झांकने तक नहीं आये हैं, विश्वविद्यालय को शिक्षा माफिया ही चला रहे हैं.
छात्र नेताओं ने कहा कि परीक्षा नियंत्रक प्रो. शशिभूषण आनन फानन में सभी नियम परिनियम को ताक पर रखकर स्टूडेंट्स के भविष्य से लगातार खिलवाड़ कर रहे हैं.
पीजी सेकंड सेमेस्टर का एडमिट कार्ड 14 दिसम्बर की रात 8 बजे यूआईएमएस पोर्टल पर जारी करवा कर 15 दिसम्बर से सैद्धांतिक परीक्षा लेने के चक्कर में हजारों स्टूडेंट्स का एडमिट कार्ड में स्टूडेंट्स नेम, पिता का नाम, माता का नाम, रजिस्ट्रेशन नंबर आदि गलत ही है. एडमिट कार्ड में अशुद्धि रहने से स्टूडेंट्स काफी चिंतित हैं. यूआईएमएस स्टूडेंट्स का हर सेमेस्टर में आर्थिक शोषण कर रहा है, परीक्षा नियंत्रक मौन है.
हमारी मांगें है कि कई स्टूडेंट्स का पीजी फर्स्ट सेमेस्टर का रिजल्ट पेंडिंग है, पेंडिंग रिजल्ट सुधार कर फिर से फॉर्म भरने का मौका दिया जाए. विश्वविद्यालय स्तर पर विश्वविद्यालय मुख्यालय के नॉर्थ कैम्पस स्थित परीक्षा भवन में पीजी समेत सभी तरह की परीक्षा ली जाए. छात्र नेताओं पर से फर्जी एफआईआर वापस लिया जाए एवं जेल में बंद हमारे दो साथियों को अविलंब रिहा करवाया जाए.
क्या है मामला:
बीएनएमयू के परीक्षा विभाग ने इस बार पीजी सेकंड सेमेस्टर का परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय मुख्यालय से बाहर निजी बीएड कॉलेज में बनाया था. संयुक्त छात्र संगठन ने इसका विरोध किया एवं मांग किया कि पीजी सेकंड सेमेस्टर का परीक्षा केंद्र पूर्व की भांति नॉर्थ कैम्पस के परीक्षा भवन में ली जाए. शिक्षा माफियाओं के चंगुल में फंसी कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक तानाशाही दिखाते हुए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे संयुक्त छात्र संगठनों की मांगों पर पुनर्विचार करने के बजाय एडमिट कार्ड जारी कर परीक्षा लेने की घोषणा कर दी. संयुक्त छात्र संगठन के नेताओं ने कॉमर्स कॉलेज परीक्षा केन्द्र पर पहुँचकर धरना पर बैठ गए एवं परीक्षा नहीं लेने का अनुरोध किया. कॉमर्स कॉलेज के प्राचार्य ने पुलिस प्रशासन को बुलाकर लाठीचार्ज करवा दिया एवं निर्दोष 18 छात्र नेताओं पर एफआईआर दर्ज करवा कर पुलिस के हवाले कर दिया. इस दौरान पुलिस प्रशासन ने गर्ल्स स्टूडेंट्स के साथ अभद्र व्यवहार किया. संयुक्त छात्र संगठन के नेताओं में काफी आक्रोश व्याप्त है.
मौके पर संयुक्त छात्र संगठन के छात्र राजद, छात्र जाप, एनएसयूआई, छात्र जदयू, आइसा, बिभिएम सहित अन्य छात्र नेता एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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