मधेपुरा नगर परिषद के कई वार्ड पार्षदों ने मिलकर कार्यपालक पदाधिकारी को लिखित आवेदन देकर सवाल खड़ा किया है. वहीं कई वार्ड पार्षदों ने खुद मिलकर कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी से तत्काल निकली गई निविदा को रद्द करने की मांग भी रखी है, ताकि फिर एक बार नगर परिषद में सरकारी राशि की बंदरबांट पर रोक लग सके.
बता दें लगातार विवादों में बना रहने वाला मधेपुरा नगर परिषद एक बार फिर एक नए विवाद के सुर्खियों में है. दरअसल नगर परिषद के वार्ड पार्षदों के एक खेमा ने नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी को एक आवेदन सौंप कर विभाग द्वारा निकाली गई 4 करोड़ 93 लाख बहत्तर हजार आठ सौ राशि की निविदा को पूरी तरह गलत बताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की है . साथ हीं वार्ड पार्षदों का आरोप है कि निविदा नगर परिषद के समान्य बोर्ड की बैठक में स्वीकृति प्राप्त हीं नहीं है अतः ये निकाली गई निविदा पूरी तरह अवैध है. निविदा में भारी अनियमितता बरती गई है और बहुत सारी ऐसी योजनाओं को शामिल किया गया है जो धरातल पर कहीं है भी नहीं.
वहीं इस मामले को लेकर समाजसेवी महिला सह पूर्व वार्ड पार्षद विनीता भारती ने भी नगर परिषद में सरकारी राशि की बंदरबांट पर सवाल उठाते हुए तत्काल निकली गई निविदा पर रोक लगाने की मांग की है, साथ ही इस दिशा में मधेपुरा डीएम विजय प्रकाश मीणा समेत सरकार के विभागीय वरीय अधिकारी को कार्रवाई हेतु आग्रह भी की है. उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो मधेपुरा नगर परिषद विकास की कड़ी से कोसों दूर चला जाएगा. हालांकि इस मामले को लेकर मधेपुरा नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी तान्या कुमारी ने बताया कि कुछ वार्ड पार्षदों द्वारा आवेदन प्राप्त हुआ है, पार्षदों का आरोप है कि निविदा गलत है जिसे रद्द किया जाय, हालांकि ये गलत नहीं हैं फिर भी इसकी जाँच कर आगे की कार्रवाई जरूर की जायेगी.
मौके पर वार्ड पार्षद भारती कुमारी, वार्ड पार्षद जय शंकर, वार्ड पार्षद शशि कुमार, वार्ड पार्षद प्रमोद प्रभाकर, वार्ड पार्षद कंचन कुमारी, वार्ड पार्षद पूजा कुमारी, वार्ड पार्षद कुमारी रूबी, वार्ड पार्षद मनीष कुमार एवं वार्ड पार्षद अशोक कुमार यादव आदि मौजूद थे.
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