मामला शहर के जगजीवन पथ का है, जहां बगल के मुहल्ले की तेरह वर्षीया लड़की इंग्लिश का कोचिंग करने कम्प्यूटर सेंटर जाती थी. बाद में कंप्यूटर संचालक उस लड़की के घर जाकर ट्यूशन पढ़ाने लगा. तीन माह बाद लड़की ने घरवालों को अपनी निजी स्वास्थ्य समस्या से अवगत कराया. घरवालों ने उस लड़की का मेडिकल जांच कराया तो जांच रिपोर्ट में नाबालिग लड़की को प्रेग्नेंट बताया. लड़की से घरवालों ने पूछा तो उसने डरते डरते कोचिंग संचालक सुनील कुमार दास पर जबरन दुष्कर्म करने का आरोप लगाया.
मामले में कोर्ट ने अभियुक्त सुनील कुमार दास को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए आजीवान कारावास सहित एक लाख रुपए अर्थदंड से भी दंडित किया है. मामले में अभियोजन पक्ष से विजय कुमार मेहता बहस कर रहे थे. वहीं बचाव पक्ष से अधिवक्ता शशिधर सिंह बहस कर रहे थे.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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July 05, 2023
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