कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे संजीव कुमार जिला प्रधान महासचिव ने कहा कि लालू प्रसाद का कमजोर को आगे बढ़ाने की सोच उन्हें गरीब- गुरबों का मसीहा बनाता है. परिस्थितियां जैसी भी रही हो वे सियासत में उतना ही अपरिहार्य रहे हैं. इसकी बानगी हाल के दिनों में उनके दिल्ली से बिहार लौटने के बाद दिख चुकी है. जब उन्होंने पटना से सटे खुसरूपुर स्टेशन के पास आयरन करने वाली धोबी, कपड़ा धोने वाले मुन्नी देवी को, ब्राह्मण समाज के समर्पित कार्यकर्ता अशोक पांडे को एवं अल्प संख्यक समाज से कार्यकर्ता कारी शोएब को राजद से विधान परिषद का टिकट दे दिया. मुन्नी देवी को विधान परिषद भेजने के फैसले पर लालू यादव की देश भर में चर्चा हुई तब अगड़े पिछड़े सभी लोगों ने खुले मन से कहा लौट आया गरीब-गुरबों का मसीहा.
संजीव ने कहा कि लालू प्रसाद के कई फैसले और जनता से संवाद करने के उनके नायाब तरीके ने लालू यादव को बिहार की जनता की निगाहों में सबसे बड़े नेता के रूप में पदस्थापित कर दिया. उनके चरवाहा विद्यालय को खोलने से लेकर रेल मंत्री रहते हुए गरीब रथ चलाने का सार्थक पहल, लोगों के दिलों में लालू प्रसाद के कद को बढ़ाता चला गया.
बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर के बाद लालू प्रसाद ही वो दूसरा नाम है जिन्होंने बिहार की राजनीति में अगड़ों की मजबूत पकड़ को सीधी चुनौती दी और रमई राम समेत भगवतया देवी सरीखे अति साधारण पुरूष और महिला को माननीय बना दिया. लालू प्रसाद जी के मार्गदर्शन एवं तेजस्वी यादव जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल अंतिम पायदान पर खड़े लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाकर बिहार को विकसित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
जिला महासचिव मंजेश यादव, नगर प्रधान महासचिव ऋषिकेश विवेक एवं शिक्षक रत्नेश कुमार उर्फ राघव ने कहा कि दबे कुचले समाज के लोगों को अपने हक के लिए आवाज उठाने का हौसला लालू प्रसाद के जमाने में ही फलीभूत हो पाया है.
मन्नू यादव एआईएसएफ जिला सचिव, सिंटू यादव एवं सोनू शेखर ने कहा कि लालू प्रसाद की अब तक की राजनीति की यात्रा का मूल्यांकन इस बात से की जा सकती है कि लालू प्रसाद ने हाशिये पर धकेली जा चुकी दबे, कुचले और वंचित समाज के लोगों को बड़े पैमाने पर माननीय बनाकर देश की दिशा और दशा तय करने के लिए आगे आने का आत्मविश्वास और गौरव प्रदान किया. कद बढ़ने पर अधिकतर नेता जनता से संवाद के अभाव में दूर चले जाते हैं लेकिन सत्ता के शिखर पर पहुँच कर भी लालू प्रसाद ने वेशभूषा, चाल ढाल से स्वयं को आम जन जैसा बनाकर रखा. यही वजह है कि लालू प्रसाद आज भी जनता के दिलों में बसते हैं.
कार्यक्रम में कई गणमान्य व युवा नेता मिथिलेश यादव, विक्रम कुमार, मुलायम कुमार यादव, आशीष कुमार, शंकर यादव, लखन राम, अजय राम, मिथिलेश राम, ललन राम, नीतीश राम, सदानंद राम, देवो राम, अशोक राम, शिवकुमार राम, छोटू राम, रविंद्र कुमार, राजीव कुमार, संजय राम रंजीत राम, नंदकिशोर राम आदि उपस्थित थे.
No comments: