वहीं नाला निर्माण के लिए मिट्टी खोदकर एनएच 107 पर रखी जा रही है जिसके कारण दोनों तरफ से वाहनों को आने जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. यहां तक कि घंटो इस चिलचिलाती धूप में बस, कार, ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा एंबुलेंस में बैठे लोगों को जाम की समस्या का सामना करना पड़ता है लेकिन संवेदक को कोई असर नहीं पड़ता है. वहीं नाले का निर्माण पहले मिड्ल स्कूल चौक के उत्तरी हिस्से वार्ड नंबर 9 के कोने से दुर्गा पूजा के समय में ही प्रारंभ किया गया था. 15 से 20 मीटर निर्माण कर छोड़ दिया गया पुनः पिछले 10 दिनों से काम प्रारंभ किया गया है. पुनः नाला निर्माण भी बीच वाले हिस्से को छोड़कर आगे से प्रारंभ कर दिया गया.
मामले में स्थानीय ग्रामीण जितेंद्र कुमार का कहना है कि मुख्य सड़क से जाने वाले रास्ते पर नाला का सही समय सीमा में निर्माण न होने के कारण जल निकासी अवरुद्ध है. इससे गंदा पानी रास्ते पर बह रहा है, जिससे आवागमन करने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आवागमन के लिए लोगों को दूसरे रास्ते का सहारा लेना पड़ रहा है. पानी से बदबू आने से लोगों को संक्रामक बीमारियों का भय सता रहा है. इससे लोगों में रोष गहराता जा रहा है. ठीक तरीके से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है.
नाले का निर्माण हो रहा घटिया गिट्टी बालू और सीमेंट से, मिक्सिंग करने में भी की जा रही है चोरी
यहां तक कि निर्माण के लिए जो पुराने नाले को तोड़कर नया निर्माण किया जा रहा है उसमें अनियमितता बरती जा रही है. पुराना नाला 10 इंच मोटे दीवाल से बना था जो काफी मजबूत था सिर्फ गहराई कम थी लेकिन नया निर्माण घटिया बालू और सीमेंट और सरिये से करवाया जा रहा है. इसके गुणवत्ता की तो मत कहिए दीवाल की मोटाई एवं गहराई का पता नहीं है क्योंकि निर्माण स्थल पर सबसे पहले प्रकरण का बोर्ड लगा होना चाहिए जिसका कोई अता पता नहीं है.
मामले में मुरलीगंज नगर पंचायत के कनीय अभियंता दिनेश कुमार का कहना है कि नाला निर्माण के संवेदक विकास कुमार हैं और नाले का निर्माण 6 महीने के अंदर करवानी थी जो कि समय सीमा समाप्त हो चुकी है एवं उसकी प्राक्कलन की राशि 25 लाख है.
कहा कि समय सीमा तो समाप्त हो चुकी है. इसलिए अब तक का 10 % पैसा काट लिया जाएगा. जहां तक लोगों की असुविधा के विषय में एवं निर्माण गुणवत्ता के विषय में उन्होंने कहा कि इसके लिए संवेदक को दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं.
वहीं मामले में मुरलीगंज नगर पंचायत के कार्यपालक अधिकारी सुजीत कुमार ने कहा कि नाला निर्माण 6 महीने के भीतर हो जाना था लेकिन संवेदक की लापरवाही के कारण अब तक निर्माण छोटे-छोटे हिस्सों में करवाया जा रहा है. इसके लिए संवेदक पर कार्रवाई की जाएगी.

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