सरकार, विभाग के माध्यम से दिव्यांगों के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन करने का दावा करती है लेकिन धरातल पर अलग ही नजारा देखने को मिलता है. प्रखंड के भान टेक्ठी पंचायत के वार्ड 08 निवासी डोली मंडल के 28 वर्षीय पुत्र रविंद्र कुमार जन्म से दोनों पैरों से दिव्यांग हैं. इस वजह से बैठे अवस्था मे घसीट- घसीट कर जमीन पर चला करता है. इनका कहना है कि ट्राईसाइकल के लिए 3 अप्रैल 2023 को ऑनलाइन आवेदन किए थे. जिसका रिसीविंग लेकर 5-7 रोज आए लेकिन विभागीय कर्मचारियों ने उन्हें अनदेखा कर दिया. कई महीना बीतने के बाद भी ट्राई साइकल नहीं मिल सका है. ट्राई साइकल नहीं रहने के कारण बहुत परेशानी होती है.
दिव्यांग रविंद्र कुमार ने कहा कि अत्यंत पिछड़ा समुदाय से रहने के बावजूद ट्राई साइकल के लिए लगातार प्रयास के बाद भी अब तक अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया है. पेंशन राशि मिल रहा है लेकिन इसके आलावे किसी प्रकार की सरकारी सुविधा नहीं मिल पाई है. सरकार के दिव्यांगों की शादी विवाह, पुरस्कार अनुदान, दुकान निर्माण एवं संचालन योजना, सहायक उपकरण योजना, समेत दिव्यांगों की मदद के लिए ट्राई साइकल, बैशाखी एवं अन्य सुविधा के दावे खोखला साबित हो रहे हैं.
वहीं बीडीओ अशोक कुमार ने बताया कि विभागीय नियमानुसार ट्राई साइकल आवंटन होने पर प्राथमिकता के साथ दी जाएगी.
ट्राई साइकल के लिए कई दिनों से दिव्यांग लगा रहे ब्लॉक का चक्कर
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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May 15, 2023
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