बिहार का अतीत रहा है गौरवमयी: ब्रजेश राजधान :: बिहार दिवस पर प्रतियोगिता का आयोजन

मधेपुरा जिला मुख्यालय के जयपालपट्टी चौक स्थित जीनियस टीचिंग पॉइंट कोचिंग में बिहार दिवस के अवसर पर लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें 7वीं से 12वीं के छात्र -छात्राओं ने भाग लिया. जीनियस टीचिंग पॉइंट कोचिंग के निदेशक नवीन कुमार ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर विभिन्न तरह के आयोजन करवाए जाते हैं. लेख प्रतियोगिता के टॉप -5 में आने वाले प्रतिभागियों को संस्था के द्वारा सम्मनित किया जाएगा.

जीनियस टीचिंग पॉइंट के सह-निदेशक ब्रजेश राजधान ने बिहार दिवस के अवसर छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा कि आज बिहार 111 साल का हो गया है, 112वें साल में प्रवेश की तैयारी में है. 22 मार्च 1912 को बंगाल प्रांत से अलग होकर बिहार एक स्वतंत्र राज्य के रूप में भारत के मानचित्र पर उभर कर सामने आया. इन 111 सालों में बिहार ने तरक्की के कई आयाम गढ़े हैं लेकिन दो बार विभाजन का दंश भी झेला है. पहला विभाजन 1936 में बिहार से ओड़िशा अलग हो गया. दूसरा खनिज सम्पदा वाला क्षेत्र 15 नवम्बर 2000 को झारखण्ड अलग हो गया.

जब किसान नेता राजकुमार शुक्ल के आग्रह पर 1917 में गाँधी जी नील किसानों के लड़ाई लड़ने आए तो बिहार ने उसे महात्मा बना दिया. अर्थात बिहार गाँधी जी की कर्मभूमि रही. बिहार देश के बड़े विद्वान व देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद की जन्मभूमि रही. देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कई कल्याणकारी योजनाओं का शुभारंभ करने के लिए बिहार आये.

जब देश में गैर कांग्रेसी सरकार बनाने की हवा चली तो 1974 में जयप्रकाश नारायण ने छात्र आंदोलन के बिहार के गाँधी मैदान को चुना. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ0 श्रीकृष्ण सिंह से लेकर कर्पूरी ठाकुर, बी0 पी0 मंडल, लालू यादव, नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार लगातार आगे बढ़ता रहा. कई स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, सड़क, पुल, रेलवे मार्ग बने हैं. इस दौरान कभी पूर्ण बहुतमत तो कभी गठबंधन की सरकार बनी और बिगड़ी.

बिहार के पटना का गोलघर, राजगीर की ग्लास ब्रिज, बेगूसराय झील, विशाल गाँधी मैदान, बौद्ध मंदिर जैसे दर्जनों दर्शनीय स्थल पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं. बिहार का अतीत काफ़ी गौरवमयी रहा है. प्राचीन काल में नालंदा और विक्रमशीला जैसा विश्वविद्यालय रहा है. शिक्षा में बिहार भले पिछड़ा राज्य है लेकिन यहाँ के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं ने देश के कई कठिन परीक्षाओं में अव्वल आकर अपना लोहा मनावया है. बिहार समय-समय पर प्राकृतिक आपदा का दंश झेल कर उभरते रहा है. जरूरत है बिहार को अपनी सम्पदा का उचित उपयोग कर देश के विकसित राज्य के श्रेणी में लाने की.

इस अवसर पर जीनियस टीचिंग पॉइंट के शिक्षक अंकित आनंद, प्रभू महतो, प्रवेश कुमार, नीरज कुमार, राजेश सिंह, चन्द्रहास शर्मा, विकाश शर्मा, डेविश राज, अखिलेश कुमार तथा करीब पाँच सौ से अधिक छात्र-छात्रा उपस्थित रहे.

बिहार का अतीत रहा है गौरवमयी: ब्रजेश राजधान :: बिहार दिवस पर प्रतियोगिता का आयोजन बिहार का अतीत रहा है गौरवमयी: ब्रजेश राजधान :: बिहार दिवस पर  प्रतियोगिता का आयोजन Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 22, 2023 Rating: 5

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