मधेपुरा से जुड़ी हैं लम्बी यादें: शरद यादव के निधन से मधेपुरा के लोग मर्माहत

मधेपुरा के सांसद रहे शरद यादव के निधन के बाद यहां का माहौल गमगीन है। वर्षों तक यहां के सांसद रहे शरद जी से सहरसा और मधेपुरा जिले के आम लोग भी परिचित थे । 1991 में लोक सभा का चुनाव जीतने वाले जनता दल के डॉ रमेन्द्र कुमार यादव रवि ने लोक सभा से इस्तीफा देकर शरद यादव को यहां से चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया था और फिर शरद जी यहीं के होकर रह गए। उन्होंने मधेपुरा में ही जमीन खरीद कर अपना घर बनाया और सपरिवार मधेपुरा के मतदाता भी हो गए।

मधेपुरा के विकास में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। यहां भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय की स्थापना, एक साथ दो दो राष्ट्रीय उच्च मार्ग का निर्माण करवाने, हर प्रखंड और गांव तक जाने के लिए पुल पुलिया का निर्माण, गांव औऱ टोलों तक में विद्युत ट्रांसफार्मर आदि कार्यों के लिए उनके प्रयास की उनके समर्थक चर्चा करते हैं. फिर लालू प्रसाद ने यहां विद्युत रेल इंजन कारखाना स्थापित करने की घोषणा की ताकि उन्हें भी कमतर नही आंका जा सके। बाद में, मधेपुरा में विद्युत रेल इंजन कारखाना प्रारम्भ हो सका। बाद में,  बाद में यहां  मेडिकल कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ अनेक तकनीकी संस्थानों की स्थापना हुई और मधेपुरा अब ग्रेटर मधेपुरा की राह पर चल चुका है। 75 वर्ष की उम्र में उनके निधन से मधेपुरा के लोग भी मर्माहत हैं.

मधेपुरा से जुड़ी हैं लम्बी यादें: शरद यादव के निधन से मधेपुरा के लोग मर्माहत मधेपुरा से जुड़ी हैं लम्बी यादें: शरद यादव के निधन से मधेपुरा के लोग मर्माहत Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 13, 2023 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.