स्वच्छता पर्यवेक्षक राजीव कुमार द्वारा थाने में दिए गए आवेदन के अनुसार, शनिवार रात करीब 9:30 बजे उन्हें सूचना मिली कि दो व्यक्ति खुद को सरकारी कर्मी बताकर घरों पर स्वच्छता नंबर प्लेट लगाने के नाम पर प्रत्येक परिवार से ₹40 की अवैध वसूली कर रहे हैं। पूछताछ करने पर दोनों ने प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय के एक पत्र का हवाला देते हुए खुद को सरकारी अभियान से जुड़ा बताया।
स्थानीय ग्रामीणों को संदेह होने पर दोनों को पकड़ लिया गया और पुलिस को सौंप दिया गया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सहरसा जिला के बिहरा निवासी मनोज देव और कुमारखंड थाना क्षेत्र के केवटगामा निवासी रामकुमार रमन के रूप में हुई है।
इस घटना को लेकर प्रखंड कार्यालय के पत्रांक संख्या 1394 के तहत सभी मुखिया, सरपंच एवं विकास मित्रों को पूर्व में ही चेतावनी दी गई थी कि स्वच्छ भारत अभियान, बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन जैसे अभियानों के नाम पर फर्जी गतिविधियां की सूचना मिल रही है। यह गिरोह पिछले कुछ समय से विभिन्न पंचायतों में सक्रिय था और लोगों से ठगी कर रहा था।
थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि स्वच्छता पर्यवेक्षक के आवेदन पर मामला दर्ज कर दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

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