कुलपति को लिखे पत्र में राठौर ने कहा है कि साइकोलॉजी सबजेक्ट में परीक्षा विभाग ने जारी सूची में पीएचडी के लिए चौदह सीट दर्शाया है, जबकि साइकोलॉजी के हेड का खुलेआम दावा है कि कि उन्होंने विभाग की ओर से परीक्षा विभाग को भेजे पत्र में कहा है कि उनके विभाग में सीट नहीं है. साथ ही उन्होंने परीक्षा विभाग को कटघरे में लाते हुए कहा है कि इन चौदह सीटों पर शोध कौन कराएंगे. इसको उन्होंने विभाग के हेड को नजरअंदाज करना बताया है. राठौर ने कहा कि एक ओर साइकोलॉजी के हेड परीक्षा विभाग को पत्र लिख सीट नहीं होने की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय के कई पदाधिकारी दबी जुबान से यह कह रहे हैं कि यह विभाग की मनमानी का फल है. हकीकत यह है कि विभाग में पीएचडी के लिए चौदह से अधिक सीट खाली है. कई शिक्षकों ने हेड पर मनमानी व नजरंदाज करने का आरोप लगाया है. हेड की मनमानी व नजरंदाज के बाद ऐसे कई शिक्षकों ने सीधे परीक्षा विभाग को ही अपने अंदर के रिक्त संख्या की सूची सौंपी है, उन्हीं के आधार पर चौदह सीट दिखाई गई है.
राठौर ने कहा है कि चर्चा यह भी है कि हेड के अंदर में ही कई सीट खाली है, जिसे वो दबाए हुए हैं. जिसका कारण समझ से परे है. अगर सही तरह से सभी शिक्षकों को बैठाकर बात हो तो विभाग में बीस से अधिक सीट खाली मिलेंगे. कुलपति को लिखे पत्र में राठौर ने इस गतिविधि पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे आपसी खींचतान में विश्वविद्यालय का मजाक बनाना बताया. इस प्रकार के विवाद के कारण छात्र असमंजस में हैं कि आखिर हकीकत क्या है, जिसके कारण आवेदन करने से हिचक से रहे हैं.
राठौर ने मांग किया है कि कुलपति अपने स्तर से हस्तक्षेप कर इस मामले को निपटाएं साथ ही वास्तविक सच्चाई क्या है उसे सामने लाया जाए, जिससे कोई ऊहापोह की स्थिति न रहे.

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