घटना से सखुआ और भेलवा गांव में मातम छा गया. हर जुबान पर गुरूदेव के ही क्रियाकलाप की बातें हो रही है. गांव के लोग बता रहे थे कि गुरूदेव अपने कर्तव्य से कभी समझौता नहीं करते थे, वे काफी लोकप्रिय थे. अपना भोजन दूसरों को खिला देते थे लेकिन बदमाशों से समझौता नहीं करने के कारण अपनी जान गँवा दिया. पुलिस पदाधिकारियों के बीच उनकी अच्छी साख थी. एसपी राजेश कुमार ने बताया कि जब हम एसडीपीओ थे तब उन्हे कई बार बड़ी जिम्मेदारी दी थी, जिसका उन्होंने अच्छे से निर्वहन किया.
बता दें कि गुरुदेव को दो पुत्री और एक पुत्र है. जिसमें उन्होंने एक पुत्री की शादी कर ली थी और दूसरे की शादी के लिए प्रयासरत थे.
साहुगढ़ में मुखिया मुकेश कुमार ने सदर अस्पताल मृतक के परिवार ढाढ़स देते हुए कहा कि गुरूदेव का समाज के सभी वर्गों में काफी पैठ रहा है. बदमाश को छोड़कर शायद ही किसी को उन्होंने नाराज किया होगा.

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