मालूम हो कि दो माह पूर्व कालेज चौक के पास जल जमाव की समस्या से निजात देने के नाम पर पूर्व बने पक्की नाला को महज सफाई के नाम पर मात्र चार फीट की दूरी पर तोड़वा दिया । नाले तोड़ने नाम लाखों का व्यय किया गया जबकि हुडको के बनाए गये नाला में हर पन्द्रह फीट पर नाले की सफाई करने के लिए ओपेन ढक्कन की व्यवस्था की गयी लेकिन पदाधिकारी ने उस पीछे पदाधिकारी की मंशा स्पष्ट दिखती है. वैसे आम लोग कहते हैं यह सिर्फ और सिर्फ लूट की व्यवस्था की गई है। शहर के कई लोगों की माने तो नाले सफाई के नाम पर नाला तोड़ने में राशि की जमकर लूट हुई है. इतना नही नाले तोड़ने से निकले मलबा और रड तक बेचे गए हैं ।
तोड़े गये नाले के ढक्कन बना कर लगाने लाखों का व्यय होने की बात सामने आ रही है । इसे लोग सरकारी राशि का दुरुपयोग मान रहे है। जानकार बताते है, नाले का एक प्लेट बनाने पर 12 सौ से 15 सौ रूपये का खर्च आयेगा ।
दो महीने पूर्व तोड़े गये नाले की सफाई की गयी लेकिन आज तक नाला जस का तस बना हुआ है जिसके कारण आज पूरा नाला मे कचरा भर गया है. इस वजह से नाले से उठ रहे दुर्गन्ध से राहगीर और नाले के पास बसे शहर वासी को बड़ी महामारी की आशंका हो रही. वहीं नाले से निकल रहे मच्छर से लोग परेशान हैं । वहीं दूसरी ओर हर दिन नाले में जानवर और लोग गिरते और जख्मी हो रहे हैं ।
नगर परिषद के कारगुजारी और नजर अंदाज से नाले से उठते दुर्गन्ध और होने वाले महामारी के खिलाफ शहर के लोग के बीच आक्रोश पनप रहा है।
आम लोगो की मांग हे कि जल्द से जल्द नाले की सफाई कर तोड़े गये नाले पर ढक्कन की व्यवस्था की जाय ।
मालूम कि इस बावत समाज सेवी सह पूर्व वार्ड पार्षद ध्यानी यादव ने वर्तमान नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी से मिलकर एक मांग पत्र देते हुए इस समस्या से जल्द से जल्द निजात दिलाने की भी मांग की है लेकिन फिलहाल इस दिशा मे नगर परिषद द्वारा कोई कदम नही उठाया गया ।
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