निरीक्षण के दौरान डीआईजी श्री लांडे के साथ सहरसा की एसपी लिपी सिंह और मधेपुरा जिले के एसपी राजेश कुमार थे।
मालूम हो कि जिले के विभिन्न थाने से मादक पदार्थ कारोबारी से जप्त, गांजा, चरस अफीम और ब्राउन शुगर का भण्डारण सदर थाना किया गया है। भण्डार का निरीक्षण के लिए डीआईजी की टीम 12 बजे आसपास सदर थाना पहुंची, टीम ने लगभग 30 मिनट भण्डार की जांच किया। डीआईजी ने भण्डार मे जप्त मादक पदार्थ की बारी बारी से जांच की और सन्तोष व्यक्त किया।
जांच के पश्चात डीआईजी ने बताया कि विभिन्न थाना से मादक पदार्थ पकड़ा जाता है, मामले का ट्रायल कोर्ट चलता रहता है। मधेपुरा जिले की मादक पदार्थ मामले में केश की उपलब्धि काफी बेहतर रही है इसके पूर्व जिले में मादक पदार्थ के 58 मामले का डिस्पोजल हुआ है जो काफी बेहतर है। जिले में मादक पदार्थ के डिस्पोजल की प्रकिया शुरू की जा रही है। डिस्पोजल की प्रकिया जटिल है, सैम्पलिंग लेना पड़ता है, फिर जूडिसियल परमिशन, फिर एक कमिटी बनाया जाता है, कमिटी के अध्यक्ष डीआईजी होते हैं, कमिटी में दो एसपी होते हैं । मधेपुरा जिले के कमिटी में सहरसा के एसपी लिपि सिंह और मधेपुरा के एसपी राजेश कुमार हैं ।
खुले आम शराब बिक्री के सवाल पर डीआईजी श्री लांडे ने कहा कि मधेपुरा, सुपौल और सहरसा जिले मे बड़े पैमाने पर शराब जप्ती और शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसी के तहत मधेपुरा और सुपौल में हाल के दिनो में 10 हजार लीटर से अधिक शराब जप्त किया और शराब माफिया गिरफ्तार कर जेल के सलाखों में भेजे गये है।
उन्होने एक सवाल के जवाब मे कहा कि छोटे शराब कारोबारी के खिलाफ कार्रवाई के अलावे अनुसंधान में नाम आने पर बड़े शराब कारोबारी पर भी कारवाई की गयी, उन्हे जेल भेजा गया है। जिले के बाहर से आने वाले शराब रोकने को लेकर पूछे गये सवाल पर डीआईजी ने कहा कि ऐसे मामले में दूसरे जिले का दायित्व है । वैसे समय समय पर राज्य सरकार इस मुद्दे पर सभी जिला को दिशा निर्देश दे रखा है।
निरीक्षण के दौरान एसपी सहरसा लिपी सिंह, एसपी राजेश कुमार, इंस्पेक्टर प्रशान्त कुमार, थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार सहित पुलिस पदाधिकारी शामिल थे ।
No comments: