वहीं घटना से बच्चों के अभिभावकों में हड़कंप मच गया. जैसे तैसे अस्पताल पहुंचे अभिभावकों की भीड़ की वजह से अफरा-तफरी का माहौल उत्पन्न हो गया. वहीं मौके पर अभिभावक पूनम देवी ने मध्यान भोजन पर चिंता जताते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
मौके पर पहुंचे प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने पहुंचकर एनजीओ द्वारा भेजे गए भोजन का मुआयना किया और अपने मोबाइल से एनजीओ से इस तरह के खराब और दुर्गंध दे रहे भोजन भेजे जाने पर जमकर लगाई फटकार.
शिक्षकों ने इसकी जानकारी उनके परिजनों को दी. मौके पर पहुंचे परिजन अपने बच्चों को लेकर अस्पताल गये. जहां उनका इलाज चल रहा है.
बच्चों के साथ अस्पताल पहुंचे सहायक शिक्षिका सोनी मध्य विद्यालय, बबीता कुमारी ने बताया कि 11:00 बजे खाना आया तो हम लोगों ने जूनियर क्लास के बच्चों से खाना प्रारंभ करवाया. इसी दौरान बच्चों ने सब्जी और दाल से बदबू आने और खट्टे होने की शिकायत की. बहुत सारे बच्चे तबतक खाना खा चुके थे. कुछ बच्चों ने तुरंत ही पेट दर्द, जी मितलाने की शिकायत शुरू कर दी तो उन्हें अस्पताल लेकर इलाज के लिए पहुंचे हैं.
घटना की जानकारी मिलते ही मुरलीगंज थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल ने अस्पताल पहुंचकर बच्चों के परिजन को शांत कराया और उचित स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करने का भरोसा दिया.
अस्पताल में मौजूद डॉक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि विद्यालय एवं अभिभावक द्वारा मध्यान्ह भोजन में दाल के खट्टे होने एवं सब्जी से दुर्गंध आने की बात बताई. 2 दर्जन से अधिक बच्चे शिकायत के साथ अस्पताल पहुंचे हैं जिनके परीक्षण उपरांत उपचार किया जा रहा है.
इस पूरे मामले में स्कूल के छात्रा सौनाक्षी ने बताया कि लगभग 11:30 बजे बाहर से मध्याह्न भोजन आया. जिसे खाने के बाद कई बच्चों का पेट दर्द करने लगा और कई को चक्कर आने लगा. जिससे स्कूल में अफरा-तफरी मच गई और बच्चों को अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान छात्रों के अभिभावकों ने कहा कि बाहर से जो मध्याह्न भोजन आता है, उसकी क्वालिटी अच्छी नहीं होती है. उन्होंने कहा कि बच्चों की तबियत खराब होने पर शिक्षकों ने लापरवाही भी की. जब बच्चे बीमार पड़ गए वहीं अभिभावकों ने बताया कि जब स्कूल में खाना बनता था ताजे और घर भोजन बच्चों को मिलते थे जब से एनजीओ की व्यवस्था हुई है तरसे खाने की क्वालिटी गिरती जा रही है.
फिलहाल बच्चों की हालत में सुधार है. मिड डे मील के तहत दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं. इसके बावजूद जिला प्रशासन के साथ ही शिक्षा विभाग की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. मिड डे मील के तहत बच्चों को भोजन एक एजेंसी मुहैया कराती है.
प्रभारी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी गुणानंद सिंह ने कहा कि बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त योग्य नहीं है. सूचना मिलते ही हमने तुरंत यहां पहुंचकर भोजन का निरीक्षण किया. दाल और सब्जी में से दुर्गंध आ रही थी जिसके बाद हमने तुरंत भोजन बंद करवा कर संबंधित एजेंसी को तलब किया है. सभी बीमार बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इलाज के लिए भेजा गया है मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी.
वही मामले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद चिकित्सक डॉ मुकेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि मध्यान्ह भोजन के दाल और सब्जी के खट्टे होने की शिकायत बच्चों द्वारा बताई गई. जिसके खाने के उपरांत इन्हें पेट दर्द एवं जी मचलने की शिकायत बताई जा रही है उपचार किया जा रहा है.
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