वहां सीएफसीएल डीएपी 500 बोरी, अमोनिया 54 बोरी, एनएससीएल 10 26 26 एक सौ बोरी, आईपीएल 80 बोरी, यूरिया 129 बोरी पाई गई है और दुकान से किसानों को लाइन में लगवा कर पॉश मशीन के द्वारा किसानों के आधार कार्ड मिलान कर खाद वितरण किया जा रहा है. अंचलाधिकारी द्वारा दया ट्रेडिंग सिनेमा हॉल के पास जयरामपुर चौक, कृषि विकास केंद्र काशीपुर रोड के खाद गोदाम का भौतिक सत्यापन किया गया एवं खाद की उपलब्धता की जानकारी ली गई.
गौरतलब हो कि इन दिनों मुरलीगंज प्रखंड सहित ग्रामीण इलाकों के छोटे बड़े पैमाने पर खाद दुकान संचालित हैं. जिसमें सरकारी मूल्यों से अधिक मूल्यों में किसानों को उर्वरक बेचा जा रहा है. वहीं कई किसानों को पूछने पर उन्होंने बताया कि यह कोई आज का मामला नहीं है. हर वर्ष खेती के समय खाद दुकान संचालक अधिक मूल्यों में बिक्री करते हैं. जब उन्हें अधिक दाम लेने के बारे में कहते हैं तो कहता है ऊपर से ही बढ़ा दिया गया है.
कहा जाय तो खाद दुकान संचालक अपने मनमाने ढंग से किसानों से राशि ले रहे हैं. किसान मजबूर होकर उचित मूल्यों पर खाद लेने में काफी असमर्थ महसूस करते हैं लेकिन खाद दुकान संचालक अपने मनमाने रवैये से बाज नही आ रहे हैं. इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि अधिकांश दुकान संचालक खाद की कालाबाजारी भी धड़ल्ले से करते रहते हैं. इधर इस छापेमारी से खाद विक्रेताओं में हड़कंप मचा हुआ है.
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