वीरेन्द्र यादव |
सुनील यादव |
मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत पोखराम परमानंदपुर पंचायत के खिरखिरया गांव के अपराधी पर था 50 हजार का इनाम, मुजफ्फरपुर के गायघाट में छिपा था.
बिहार एसटीएफ टीम ने मुजफ्फरपुर में मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत पोखराम परमानंदपुर पंचायत के खिरखिरया गांव के कुख्यात व फरारी अपराधी बीरेंद्र यादव को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है. एसटीएफ द्वारा इसके अपराधी बेटे सुनील यादव और सगे भाई धीरेंद्र यादव को भी पकड़ा गया है. तीनों ही मधेपुरा जिलान्तर्गत मुरलीगंज के कुख्यात अपराधी हैं और लंबे वक्त से फरार चल रहे थे. बीरेंद्र यादव पर तो सरकार की तरफ से 50 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा भी की गई थी. यह लगभग 2001 से ही फरार चल रहा था. अकेले इस कुख्यात के ऊपर हत्या, लूट, रंगदारी और बलात्कार सहित क्राइम के गंभीर वारदातों में कुल 9 केस दर्ज है. जबकि, बेटे सुनील यादव के ऊपर लूट और रंगदारी के 3 केस दर्ज हैं. इसी तरह धीरेंद्र यादव पर भी आपराधिक मामले दर्ज हैं.
उक्त अपराधी मुरलीगंज थाना के तहत खिरखिरया इलाके के रहने वाले हैं. गिरफ्तारी के डर से इन तीनों ने अपना इलाका छोड़ रखा था. वे बार-बार अपना लोकेशन बदल रहे थे. जिस वजह से जिले की पुलिस इन्हें पकड़ नहीं पा रही थी. कुछ ही वर्षों बाद इनको गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी बिहार एसटीएफ को दी गई. इसके बाद से टीम इनके लोकेशन को खंगालने में जुट गई. इन अपराधियों की मूवमेंट को लेकर इनपुट जुटाने लगी. जब यह पक्का हुआ कि ये सभी अपराधी मुजफ्फरपुर जिले में है तो फिर एसटीएफ ने पूरी टीम के साथ गायघाट इलाके में छापा मारकर इनको हिरासत में लिया. तीनों को उनके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया. पिछले कई दिनों से इन लोगों ने गायघाट में ही अपना ठिकाना बना रखा था. पुलिस प्रशासन से बचने के लिए इसने अपना ठिकाना बदल रखा था.
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