दरसअल घटना इसी 26 मई से जुड़ी है जब पूर्णियां जिले के मोहनपुर सहायक थाना की पुलिस पिछले दिनों एक मुर्गा व्यवसायी के पिकअप वैन चालक के साथ बेरहमी से मारपीट की थी. लगे आरोप के मुताबिक चालक का गुनाह सिर्फ इतना ही था कि उसने गस्ती में मौजूद पुलिस अधिकारी और बीएमपी जवान को रोड पर चलने के लिए रिश्वत स्वरूप रकम नहीं दी, जिसके बाद गुस्से में आग-बबूला हुए पुलिस अधिकारी और पुलिस के बीएमपी जवान ने गाड़ी का पीछा कर मधेपुरा और पूर्णियां सीमा के चौसा थाना अंतर्गत अरजपुर पंचायत के सोनवर्षा गांव के पास मुर्गा व्यवसायी के चालक की जमकर बेरहमी से पिटाई कर दी थी.
जिसके बाद वायरल वीडियो पर मधेपुरा टाइम्स ने उसी दिन दो ख़बरें प्रकाशित किया था. इसके बाद पूर्णियां एसपी दया शंकर ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए बीएमपी जवान और मोहनपुर सहायक थाना के सहायक अवर निरीक्षक मो. चांद मंसूरी को निलंबित कर दिया है। ज्ञात हो कि मुर्गी वाहन के चालक से गस्ती के दौरान लॉक डाउन का अनुपालन करवा रहे पुलिस अधिकारी और पुलिस जवान बीच सड़क सड़क पर वाहन रोक कर अवैध रुपये की वसूली कर रहे थे। बताया जाता है कि इसी बीच पूर्णियां जिले के भवानीपुर थाना अंतर्गत सुपौली निवासी रंजन मंडल चालक पिकअप वेन के पोल्ट्री फार्म में मुर्गी लाने हेतु भागलपुर जा रहे थे. जहाँ डोभा पुल के समीप मोहनपुर ओपी की पुलिस ने रोक कर उससे पूछताछ की तथा चालक से सड़क पर चलने हेतु अवैध रुपये की मांग की गयी. पीड़ित के द्वारा कहे जाने पर कि मेरा सारा पेपर ठीक है तो किस चीज का रुपया देंगे और देते भी तो आज मेरे पास खुद खाना खाने के लिए रुपये नहीं है. फिर जाने क्या हुआ लेकिन चालक ने कहा कि सर मैं आज जा रहा हूँ फिर कभी लौटूंगा तो आपका फीस जरूर दे दूंगा । इसके बाद पुलिस जवान और अधिकारी ने कहा जाओ लेकिन बाद में फिर उसने पीछा करते हुए चौसा थाना अंतर्गत अरजपुर पूर्वी पंचायत के सोनवर्षा टोला में वाहन के चालक को रोककर बुरी तरह से मारपीट किया जिसके बाद ग्रामीणों ने बीच बचाव किया और पुलिस से ग्रामीण उलझ पड़े. ग्रामीणों को उलझते देख मोहनपुर ओपी की पुलिस और पुलिस जवान अपना दामन छुड़ा भाग निकले । हालांकि मामला इतना उलझ चुका था कि पुलिस जवान और अधिकारी की जमकर पिटाई हो जाती लेकिन ग्रामीणों के बीच-बचाव को लेकर पुलिस की जान बच गयी. जिसका वीडियो वायरल हो रहा हो चुका था और उस वक्त चालक को स्थानीय लोगों ने चौसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया, जहाँ चालक का चिकित्सकों ने इलाज कर उसे घर भेजवा दिया ।
हालांकि गाड़ी मालिक प्रेम कुमार का कहना था कि गाड़ी में रखें 2 लाख रुपये भी गाड़ी से गायब हैं, जो चालक को मुर्गा खरीदने के लिए दिया गया था. मुर्गा व्यवसायी का आरोप है कि पुलिस प्रशासन मारपीट के बाद चालक से रुपये लेकर फरार हो गये। हालांकि इस मामले को लेकर मधेपुरा टाइम्स ने तुरंत ही पूर्णियां एसपी को सूचना दिया और घटना की जानकारी दी गयी. जिसके बाद एसपी ने खुद अपने पुलिस के द्वारा किये गए अमानवीय व्यवहार पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया.
नतीजतन आज पूर्णियाँ एसपी दया शंकर ने उक्त ओपी के सहायक अवर निरीक्षक एवं बीएमपी जवान पर कार्रवाई करते हुए मधेपुरा टाइम्स को जानकारी दी कि घटना में शामिल बीएमपी जवान का थाना से तबादला कर दिया गया है और उक्त सहायक अवर निरीक्षक मो. चांद मंसूरी को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि बिहार में सुशासन की सरकार है इस सरकार में कानून को अपने हाथ मे लेने वाले शख्स के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. गुनाह करने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा।

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