भगवान भगत ने कोलकाता विश्वविद्यालय से एमकॉम की डिग्री हासिल करने के बाद डीप इन एड और साहित्य भूषण की डिग्री भी हासिल किया था ।उहोने बतौर प्रधानाध्यापक 1955 में आदर्श मध्य विद्यालय मुरलीगंज से अपने कैरियर की शुरुआत किया था ।उंसके बाद वर्ष 1962 में बीएल हाई स्कूल ,मुरलीगंज में शिक्षक नियुक्त हुए ।जहां से वर्ष 1986 में सेवानिवृत्त हुए।भगवान बाबू बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ,बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ ,अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ ,अखिल भारतीय व्याहुत कलवार महासभा ,कला भवन पूर्णिया आदि के अंकेक्षक लंबे समय तक रहे ।इसके अलावा वे मुरलीगंज अधिसूचित क्षेत्र समिति के वार्ड आयुक्त व उपाध्यक्ष भी रहे थे ।मुरलीगंज भगत धर्मशाला के निर्माण में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी ।
स्व भगत ने अपनी आत्मकथा के अलावा वेद ,पुराण और उपनिषद पर आधारित 04 भाग में अध्यात्म कथा की रचना भी किया था।उनके निधन पर शिक्षक संघ से जुड़े लोगों के अलावा पूर्णिया और मधेपुरा के गणमान्य ,बुद्धिजीवियों और राजनेताओं ने शोक व्यक्त किया है । उनका अंतिम संस्कार 11 फरवरी को होगा ,जो उनका जन्मदिन भी है।
(रिपोर्ट: पंकज भारतीय)
साभार: www.theshankhtimes.com

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