इस अवसर पर जदयू के वरिष्ठ नेता सियाराम यादव ने बताया कि कर्पूरी ठाकुर ने 1952 में बिहार विधान सभा का पहली बार चुनाव जीता था और राजनीति में हमेशा अजेय रहने वाले जननायक जो कभी चुनाव नहीं हारे और एक बार उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री पद को शोभित किये. उसके बाद अधिकतर समय उन्होंने विरोधी दल के नेता की भूमिका ही निभाई. कर्पूरी ठाकुर की ईमानदारी को इस बात से समझा जा सकता है कि जब उनका निधन हुआ तो उनके बैंक खाते में महज पांच सौ रूपए भी नहीं बचे थे, वहीं जायदाद के नाम पर केवल एक खपरैल का पुराना मकान था.
प्रखंड अध्यक्ष हरेंद्र कुमार मंडल ने कहा कि कर्पूरी जी बिहार ही नहीं पूरे भारत में समाजवाद का साम्राज्य स्थापित किया. उनका जीवन सादगी से भरा रहा.
मौके पर राजेश कुमार झा, दानी लाल मंडल, रमेश कुमार भारती, प्रभास कुमार, सोनेलाल मंडल, वीरेंद्र यादव, हरेराम मंडल, राधा रानी, राजेंद्र यादव, बबलू ऋषिदेव, नीरज मंडल, सुभाष यादव, विजय कुमार शर्मा आदि मौजूद थे.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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January 24, 2021
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